1621302851089 01

बिहार में भले ही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर धीरे-धीरे कमजोर पड़ रही है. लेकिन राज्यवासियों के लिए ब्लैक फंगस एक नई मुसीबत के रूप में उभरा है. इन दिनों रोज ब्लैक फंगस के नए मरीजों की पहचान की जा रही है. हालात ये हैं कि पटना के विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस की चपेट में आस चुके 4 दर्जन से ज्यादा मरीज भर्ती हैं. 

Also read: Bihar Weather Update : बिहार के इन 10 जिला के लिए जारी हुआ अलर्ट होगी मुसलाधार बारिश, जानिये पूरी अपडेट…

पटना में लगातार ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस के मरीजों की पहचान की जा रही है. ऐसे मरीजों की तादाद बढ़ती ही जा रही है. जानकारी मिली है कि राजधानी पटना के विभिन्न बड़े अस्पतालों में  50 से ज्यादा मरीजों को भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के साथ-साथ डायबिटीज के मरीजों के लिए यह जानलेवा साबित हो रहा है.

Also read: बिहार के इस रूट पर पूरा हो गया दोहरीकरण का काम लोगों का महीनों का इन्तजार हुआ पूरा, जाने पूरी बात…

बताया जा रहा है कि आईजीआईएमएस में 20, एम्स में लगभग 16 और पीएमसीएच में 7 मरीजों के अलावा रूबन, पारस और बिग हॉस्पीटल में भी इस बीमारी से संक्रमित कई मरीज भर्ती हैं.

Also read: Namo Bharat Train : वन्दे भारत के बाद पेश है नमो भारत ट्रेन 30 मिनट में आपको पंहुचाएगी दिल्ली, 160 KM प्रति घंटे की देती है शानदार स्पीड!

पीएमसीएच के ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनीत सिन्हा ने बताया कि यह विशेष प्रकार का फंगल इंफेक्शन है जो व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर होता है. एम्स पटना के न्यूरो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. विकास झा ने बताया कि यह बीमारी तब खतरनाक रूप ले लेती है, जब यह नाक के रास्ते दिमाग में प्रवेश करती है.

Also read: Bhagalpur Train News : भागलपुर से दिल्ली के लिए चालु किया गया स्पेशल ट्रेन, जान लीजिये समय-सारणी

उन्होंने कहा कि शुरुआती पहचान और समय पर सर्जरी और दवाइयों का इस्तेमाल ही इस बीमारी से बचाव का सबसे बेहतर विकल्प है. यह संक्रमण नाक, आंख, दिमाग, फेफड़े अथवा चमड़े पर भी हो सकता है. इससे आंखों की रौशनी जा सकती है तो कुछ मरीजों के नाक और जबड़े की हड्डियां गल जाती है और दांत टूटने लगती हैं.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...