tgtgt

IRS Officer Kuldeep Dwivedi: अगर आपके अन्दर कुछ करने का जज्बा हो तो दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकता आज के इस खबर में हम बताने वाले है कुछ ऐसे ही शख्स के बारे में जिनका जन्म बेहद साधारण परिवार में हुआ था लेकिन उसके बाबजूद भी वो हिम्मत नहीं हारे और पास किये यूपीएससी की परीक्षा.

Also read: UPSC में सफलता पाने के लिए छोड़ दी नौकरी महज मेहनत और काबिलियत के दम पर हाशिल की सफलता

दोस्तों हम जिस शख्स के बारे में बात कर रहे है उनका नाम है कुलदीप द्विवेदी (Kuldeep Dwivedi) और वो उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गाँव शेखपुरा से आते है. उनका जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है. उन्होंने अपने जीवन में कई परेशानियां को झेली है तब जाकर कुलदीप द्विवेदी आज UPSC पास कर IRS के अधिकारी बने है.

Also read: UPSC Result : यूपीएससी परीक्षा में बिहार के लाल का जलवा पुरे देश में हाशिल किया 19वां रैंक, पिता चलाते है दवाई दूकान!

दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले है कुलदीप द्विवेदी(Kuldeep Dwivedi) के संघर्ष के कहानी के बारे में की कैसे एक गरीब घर का लड़का UPSC तक का सफ़र तय किया. जिसका पिता सिक्योरिटी गार्ड का काम करता हो और उसी पैसे से उसका पूरा घर चलता हो घर में कोई लोग ठीक से पढ़ा लिखा नहीं था.

Also read: जहाँ बच्चे बड़े-बड़े संसथान में रहकर पढ़ाई करने वाले नहीं पास कर पाए वहीँ कीर्ति ने सेल्फ स्टडी के दम पर पहले प्रयास में149वीं रैंक हाशिल की.

दोस्तों कुलदीप द्विवेदी(Kuldeep Dwivedi) के पिता जी जिनका नाम सूर्यकांत है वो इंटर पास थे वहीँ उनकी माता जी मंजू वो पांचवीं क्लास तक ही पढ़ी थी. भले ही कुलदीप द्विवेदी(Kuldeep Dwivedi) की माँ खुद पढ़ी-लिखी नहीं थी लेकिन उन्होंने अपने बच्चे को पढाने में कोई कसर नहीं छोड़ी पूरा ध्यान वो अपने बच्चे के ऊपर देती थी.

Also read: UPSC Result 2023: बिहार के लाल का कमाल भले लाख आया बाधा नहीं छोड़ा पढ़ाई पिता का हुआ निधन, डटे रहे अब बनेंगे अधिकारी!

कुलदीप(Kuldeep Dwivedi) के पास भले ही संसाधन कम थे वो हिंदी मीडियम से ही अपना पढाई किया. लेकिन आज तक कुलदीप द्विवेदी(Kuldeep Dwivedi) कभी अपने परिवार को निराश नहीं किया. और मास्टर और आर्ट्स तक की पढाई पूरा किया. दोस्तों उनके पास पढने के लिए किताब नहीं थे वो अपने दोस्तों से पैसा लेकर किताब खरीदते थे.

लेकिन इतना होने के बाद भी कुलदीप द्विवेदी(Kuldeep Dwivedi) ने अपने जीवन में कभी हार नहीं माना और कमरतोड़ मेहनत करना शुरू कर दिया. और आख़िरकार उसकी मेहनत साल 2015 में रंग लाइ जब वो 242वें रैंक के साथ UPSC की परीक्षा पास किया. और अपने माता-पिता सहित पुरे गाँव का नाम रौशन किया.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...