दोस्तों, गाँव देहात में एक कहावत है की आगे वही बढेगा जो मेहनत करेगा ऐसा कहा जाता है की अगर आपके इरादे मजबूत हो तो आपको मुसीबते कुछ नहीं बिगाड़ सकती आज के खबर में कुछ ऐसे ही बातें आपको बताने वाले है दरअसल इस खबर में हम आपको बतायेंगे एक रिक्सा वाले के बेटे की आईएस अधिकारी बनने तक का सफ़र.

दोस्तों यूपीएससी का परीक्षा को क्रैक करना मतलब तपस्या करने के बराबर माना जाता है. और अगर कोई गरीब घर के लड़का या लड़की संसाधन पूरा नहीं होने के बाबजूद भी अपने मेहनत के बदौलत यह कारनामा करता है तो यह खबर चर्चा का विषय बन जाता है.

दोस्तों दरअसल हम बात कर रहे है अज़हरूद्दीन काज़ी (Azharuddin Quazi) के बारे में अज़हरूद्दीन काज़ी (Azharuddin Quazi) बेहद साधारण परिवार से आते है और उनका बचपन की पढाई-लिखाई पैसे के अभाव में गाँव के ही सरकारी स्कूल से पूरा हुआ अज़हरूद्दीन काज़ी (Azharuddin Quazi) के बारे में बताया जाता है की अज़हरूद्दीन काज़ी (Azharuddin Quazi) बचपन से ही पढने में काफी तेज तरार छात्र थे.

अज़हरूद्दीन काज़ी (Azharuddin Quazi) के पिता जी गरीबी के कारण टैक्सी चलाते थे जिससे उनका घर परिवार चलता था .अज़हरूद्दीन काज़ी (Azharuddin Quazi) की माता जी गृहिणी थी और वो अपने बच्चे को लेकर काफी जागरूक थे. और पढाई लिखाई में उनका अधिक मन लगता था.

दोस्तों अज़हरूद्दीन काज़ी (Azharuddin Quazi) आज उन युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए है जो कहते है की गरीब लोगों के बस की बात नहीं है यूपीएससी वैसे लोगों के लिए आज अज़हरूद्दीन काज़ी (Azharuddin Quazi) का ये सफलता आँख खोल देगी की अगर आपके अन्दर हौसला है कुछ करने की तो आप कुछ भी कर सकते है.
