aeb6d8f9 6e8b 42c5 9a6f 578c52bacb253 34

कुछ लोगों का मानने है की गरीबी एक अभिशाप है | परन्तु हम ऐसा नहीं मानते | गरीबी या अमीरी से किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व से कोई लेना-देना नहीं है | इंसान के अन्दर कोई चीज़ महत्वपूर्ण है तो वह है उसका व्यक्तित्व | कुछ लोग ऐसे होते है जो गरीबी के कारण सिर्फ किस्मत को कोसते रहते है | ऐसे लोग गरीब इस दुनिया में आते है और गरीब ही चले जाते है | लेकिन कुछ लोग गरीब को पैदा होते है मगर जिंदगी में कुछ ऐसा कर गुजरते है की मिसाल कायम कर जाते है |

आईएएस शुभम गुप्ता भी ऐसे ही चंद लोगों में से है जो गरीबी को अपने रास्ते में नहीं आने दिया और देश की सबसे कठिन इम्तिहान UPSC (Union Public Service Commission) पास कर प्रशासनिक सेवा में IAS (IAS – Indian Administrative Service) अधिकारी बने | IAS Shubham Gupta ने अपनी भाग्य को खुद अपने पसीने से लिखा | अभी वो महाराष्ट्र कैडर के IAS ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं |

UPSC aspirant IAS Shubham Gupta success story in hindi : आईएएस शुभम गुप्ता मूलरूतः राजस्थान राज्य के सीकर जिले के निवासी है | उनका जन्म 11 अगस्त 1993 भूदोली गांव में हुआ | एक साधारण परिवार में जन्मे शुभम गुप्ता के पिता अनिल गुप्ता ने उन्हें आम बच्चों की तरह ही बड़ा किया | शुभम के घर की आर्थिक हालत कुछ ठीक नहीं थी | ठेकेदारी के काम से जैसे-तैसे जीवन की गाडी चल रही थी |

हुआ कुछ यूँ की पिता का ठेकेदारी वाला काम हाथ से निकल गया | यहीं कोई 7वीं कक्षा में शुभम पढता होगा | पिता की कमाई बिलकुल रुक सी गई थी | फिर वे लोग काम की तलाश में राजस्थान से महाराष्ट्र आ गए | महाराष्ट्र आकर पिता अनिल गुप्ता जूते छाप्पलों की एक दुकान खोल ली | दुकान कुछ खास नहीं था सड़क के किनारे ही था | शुभम भी अक्सर उस जूते चप्पल के दुकान पर बैठ कर पिता का काम में हाथ बढाता |

मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक संध्या 4 बजे से रात्रि के 9 बजे तक दुकान की पूरी जिम्मेदारी शुभम के कंधों पर ही होती थी | इतने कम उम्र में ही बड़ी-बड़ी जिम्मेदारी उठाने से सुभम के मन में बदलाव आने शुरू हो गए थे | किसी ने सोचा भी न था की जो लड़का आज जूते चप्पल के दुकान पर बैठ कर दुकानदारी करता है वही आगे चल कर इतना बड़ा जिला अधिकारी बनेगा | पर मेहनत और लगन से प्रयास करने वालों की जीत तो होनी ही है |

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...