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 आईएएस आईपीएस के पद पर बैठने का सपना देखने वालों के लिए यूपीएससी ( UPSC – Union Public Service Commission) कोई साधारण परीक्षा नहीं बल्कि एक तपस्या के समान है। तभी तो अभ्यर्थी अपना घर-परिवार, खाना-पीना, सब कुछ भूल कर खुद को इस परीक्षा में की तैयारी में पूरी तरह झोंक देते हैं। यहां वही सफल हो पाते हैं, जिनके पास बड़े सपने हो और उसे साकार करने की काबिलियत भी। तो आइए जानते हैं एक ऐसे ही आईएएस ऑफिसर के बारे में जिन्होंने सपना तो देखा डॉक्टर बनने का, लेकिन वक्त ने उन्हें IAS – Indian Administrative Service के दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया।

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सबसे कम उम्र में IAS बनने का गौरव प्राप्त हुआ

IAS Success Story in Hindi : दबंग IAS Officer Swati Meena ऐसी ही एक उदाहरण पेश कर रही है। आईएएस स्वाति मीणा का जन्म 1984 में राजस्थान राज्य के अजमेर जिले में हुआ। कड़ी मेहनत, लगन और धैर्य से आईएएस स्वाति मीणा ने मात्र 22 साल की उम्र में यूपीएससी( UPSC – Union Public Service Commission) क्लियर कर आईएएस (IAS – Indian Administrative Service) अधिकारी बनी। यह उनका पहला ही प्रयास था। 2007 में स्वाति मीणा ऑल इंडिया में 260वीं रैंक से उत्तीर्ण हुई थी।

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माँ पेट्रोल पंप चलती थी

IAS Success Story in Hindi : निडर स्वभाव से प्रसिद्ध आईएएस स्वाति मीणा का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ । माँ का नाम डॉ. सरोज मीणा है । डॉ.सरोज मीणा पेट्रोल पंप चलाती थी। मां बताती है कि जब मैंने 2005 में पेट्रोल पंप का काम शुरू किया, तब इस काम को करने में मुश्किलें कुछ कम ना थी। क्योंकि दूसरे पेट्रोल पंप ऑपरेटर बाधा डालने की कोशिश कर रहे थे। माँ ने हिम्मत न हारी और पेट्रोल पंप का काम जारी रखा। साजिशकर्ता साजिश करते रहते रहे, कभी-कभी शराबी ड्राइवरों को पेट्रोल लेने के लिए भेज देते, लेकिन उनकी एक न चली और पेट्रोल पंप का काम जारी रखा।

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नशा मुक्ति केंद्र खोला

बाद में डॉ सरोज मीणा ने एक नशा मुक्ति केंद्र भी खोला। जहां पर नशे के चपेट में आए लोगों का इलाज होता। दुश्मन के द्वारा भेजे गए जितने भी शराबी पेट्रोल पंप पर पेट्रोल लेने आते, नशा मुक्ति केंद्र में जाने से अब वह सारे शराबी दोस्त बन गए थे। उन्होंने कम से कम 100 ड्राइवरों की शराब छुराइ थी | अब पेट्रोल पंप ठीक-ठाक चलने लगा था। इसीलिए तो भारत सरकार ने डॉ स्वाति मीणा को बेस्ट एंटरप्रेन्योर पुरस्कार से नवाजा था ।

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मौसी से मिली IAS बनने की प्रेरणा

माँ स्वाति मीणा को बचपन से ही डॉक्टर बनाना चाहती थी। लेकिन हुआ यूं कि माँ की चचेरी बहन हाल ही में यूपीएससी ( UPSC – Union Public Service Commission) क्लियर कर आईएएस (IAS – Indian Administrative Service) अधिकारी बनी थी। आठवीं क्लास में पढ़ रही स्वाति मीणा अपनी मौसी को आईएएस बनता देख, मिलने वाले मान-सम्मान को देख, स्वाति मीणा के मन में भी आईएएस (IAS – Indian Administrative Service) बनने का इच्छा जगी। फिर स्वाति मीणा ने मन ही मन ठान लिया कि मैं भी एक दिन IAS अधिकारी बनूंगी

पिता Interview लेते थे

धीरे-धीरे वक्त बीता, स्वाति मीणा 12वीं पास कर गई। ग्रेजुएशन में भी वों अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण हुई। साल 2006 चुका था, स्वाति मीणा यूपीएससी ( UPSC – Union Public Service Commission) की तैयारी में लग गई। स्वाति मीणा कड़ी मेहनत करने लगी। माता-पिता चाहते थे कि घर का माहौल अच्छा रहे, ताकि बेटी को यूपीएससी प्रिपरेशन में कोई दिक्कत ना हो। IAS बनने में स्वाति के पिता का काफी योगदान रहा। पिता इंटरव्यू की तैयारी कराते थे। प्रतिदिन आमने-सामने बैठकर पिता स्वाति का इंटरव्यू लेते थे। जहां पर कुछ गलती हुई, तो स्वाति का मार्गदर्शन भी करते थे। ताकि स्वाति जब यूपीएससी के इंटरव्यू में जाए, तो उसे वहां ज्यादा दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।

काम करने का निर्भीक अंदाज

अंततः सबकी मेहनत रंग लाई | स्वाति मीणा 2007 में ऑल इंडिया 260वीं रैंक लाकर सबसे कम उम्र वाली आईएएस अधिकारी बनी। आईएएस (IAS – Indian Administrative Service) बनने के बाद स्वाति मीणा मध्य प्रदेश कैडर के लिए चुनी गई । कार्यभार संभालते ही IAS Swati Meena अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया । इनके निर्भीक विचारों से पूरा जिला प्रभावित था।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...