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दोस्तों अगर आप भारत के नागरिक है तो आप यह बात से तो अनजान नहीं होंगे की अगर आपके कोई कागज में कुछ त्रुटी है तो उसको सही कराने में आपको कितना बार ऑफिस का चक्कर लगाना होता है यह आज से कुछ दिनों पहले बहुत हुआ करता था लेकिन जैसे-जैसे शिक्षा का उत्थान हुआ अब इसमें कमी आ रही है.

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दोस्तों आज के इस खबर में हम चर्चा करने वाले है एक ऐसे बेटी के बारे में जिन्होंने अपने पिता के सपने के खातिर रात-दिन मेहनत की और तब जाकर वो कलेक्टर बनी दरअसल उनके बारे में बताया जाता है की एक समय में जब उनके पिता को एक सिगनेचर के लिए ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ता है.

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तब यह अपने मन में ठान लेती है की हमें बड़ा होकर कलेक्टर बनंना है और उसके लिए ये मेहनत करना शुरू कर देती है. दोस्तों हम जिसके बारे में बात कर रहे है उनका नाम रोहिणी है और रोहिणी और रोहोनी बिना किसी निजी कोचिंग की मदद लिए ही सफलता हाशिल की.

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किसान पिता की बेटी बनी अधिकारी

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सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...