aeb6d8f9 6e8b 42c5 9a6f 578c52bacb25 24 2

हमारे देश भारत में युवाओं का सपना होता है कि हम आईएएस अफसर बने पुरुषों या महिला सब का सपना होता है की हम आईएएस अफसर बनकर अपने देश की सेवा करें महिला हो या पुरुष अगर उनके काम करने का अंदाज़ थोड़ा अलग हो तो उनकी छवि लोगों के बीच अच्छी बन ही जाती है।

Also read: IAS Success Story: नौकरी छोड़ शुरू की यूपीएससी की तैयारी, पहले प्रयास में नहीं मिली सफलता इस तरफ चौथे बार में की टॉप बनी अधिकारी!

ऐसी ही एक दबंग महिला है जो तेलंगाना में एक ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। वह “जनता की अधिकारी” के नाम से लोगों के बीच जानी जाती हैं। इनका पहला कर्तव्य जनता की सेवा करना ही है। स्मिता को देश की सबसे युवा आईएएस अधिकारी का खिताब भी हासिल है।पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग की रहने वाली स्मिता सभरवाल का जन्म 19 जून 1977 को हुआ है। उनके पिता कर्नल प्रणब दास एक रीडर सेना अधिकारी हैं और उनकी माता पूर्वी दास एक गृहिणी है।

आर्मी में नौकरी करने के कारण इनके पिता की पोस्टिंग कई जगहों पर हुई जिससे स्मिता की परवरिश भी कई अलग-अलग शहरों में हुई है। लेकिन जब इनके पिता रिटायर्ड हुए तब इनका परिवार हैदराबाद में सेटल हो गया।हैदराबाद से ही स्मिता ने अपने 12वीं की पढ़ाई पूरी की है और ISC में टॉपर बनी। लेकिन ग्रेजुएशन में इन्होंने साइंस ना लेकर कॉमर्स से अपनी पढ़ाई पूरी की।

ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद अस्मिता ने यूपीएससी की परीक्षा दी हालांकि उसमें सफल नहीं हो पाई लेकिन फिर भी अपने मेहनत को बरकरार रखी और फिर से 2002 में परीक्षा दी और पूरे भारत में चौथा रैंक लाकर अपने माता-पिता को यह अच्छी सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाईयूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद सबसे पहले स्मिता ने तेलंगाना कैडर के आईएएस की ट्रेनिंग ली और नियुक्ति के बाद वह चित्तौड़ में सब कलेक्टर के पद पर रही। अब तक के अपने करियर में स्मिता कडप्पा रूरल डेवलपमेंट एजेंसी की प्रोजेक्ट डायरेक्टर, वारंगल की नगर निगम कमिश्नर

और कुरनूल की संयुक्त कलेक्टर भी रह चुकी हैं। अब तक इनकी पोस्टिंग तेलंगाना के वारंगल विशाखापट्टनम, करीमनगर और चित्तौड़ जैसे शहरों में हो चुकी है। इन्होंने अपने काम के जरिए लोगों के दिल में एक ऐसी छाप बनाई है जो कभी मिट नहीं सकती।

स्मिता ने अपनी पोस्टिंग के दौरान कई ऐसे कार्य किए हैं जो जनता के लिए हित में था। इन्होंने तेलंगाना में बहुत सारे ऐसे सुधार किए हैं जिसे शायद अब तक किसी ने नहीं किया था। इसके साथ-साथ उन्होंने कई योजनाओं को पूरा किया, जैसे उन्होंने हेल्थ केयर सेक्टर में ‘अम्माललाना’ प्रोजेक्‍ट की शुरुआत की,

जिसकी सफलता के कारण उन्हें प्राइम मिनिस्टर एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया था। स्मिता जब करीमनगर में डीएम थी तब उस शहर को बेस्ट टाउन का अवार्ड भी प्राप्त हुआ। 2001 बैच की स्मिता पहली ऐसी महिला आईएएस अधिकारी हैं जो तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय में भी तैनात रहीं।

स्मिता के अगर वैवाहिक जीवन की बात की जाए तो उन्होंने एक आईपीएस ऑफिसर डॉ. अकुन सबरवाल से शादी की है और इनके दो बच्चे भी हैं जिनका नाम नानक और भुविश है। अपने काम के प्रति काफ़ी एक्टिव रहने वाली स्मिता अपने काम और गरीबों की मदद को लेकर स्मिता हमेशा सोशल मीडिया पर एक चर्चा का विषय बनी रहती हैं।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...