80 साल की उम्र में उज्जैन की शशिकला ने संस्कृत में पीएचडी की उपाधि हासिल कर साबित कर दिया कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती. शिक्षा विभाग से लेक्चरर की पोस्ट से रिटायर होने के बाद शशिकला ने 2009-2011 में ज्योतिष विज्ञान से एमए किया और आगे तय किया कि वो पीएचडी करेगी |