जैसे ही कोई त्यौहार आता है सबसे बड़ी मुसीबत हो जाती है घर जाना हाँ ट्रेनों में तो सीट ही नहीं मिलती है भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि वहीँ फ्लाइट में सीट अगर मुश्किल से मिल भी जाती है तो किराया बहुत देना पड़ता है. फिर अगर ट्रेन से आये तो ट्रेन लेट कि […]
जैसे ही कोई त्यौहार आता है सबसे बड़ी मुसीबत हो जाती है घर जाना हाँ ट्रेनों में तो सीट ही नहीं मिलती है भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि वहीँ फ्लाइट में सीट अगर मुश्किल से मिल भी जाती है तो किराया बहुत देना पड़ता है. फिर अगर ट्रेन से आये तो ट्रेन लेट कि […]