सच्चे मन से ठानी हुई चीज कभी इंसान को असफल नहीं करती। सफलता मिलने में थोड़ी मुश्किलें ज़रूर आ सकती हैं, लेकिन यह असंभव नहीं है। आज का यह आर्टिकल परिश्रमी और लक्ष्य के लिए मन को केंद्रित करने वाले गुदड़ी के लाल की है | जिनके माता-पिता की मृत्यु होने के बाद वह बिल्कुल अकेले पड़ गए थे। इनकी ऐसी स्थिति होने के बाद इनके चाचा और समाज के दूसरे व्यक्तियों ने उनकी काफ़ी मदद की। उनकी ख़्वाहिश है डॉक्टर बनने की और इसी को लेकर यह काफ़ी मेहनत कर रहे हैं।