बच्चे ने अपने समझदारी के वजह से हजारों लोगों को जान बचा ली है. दरअसल यह घटना समस्तीपुर की है जहाँ समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड पर शनिवार की सुबह हावड़ा से काठगोदाम जा रही बाघमती एक्सप्रेस दुर्घटना होने से बाल-बाल बच गई.

Also read: बिहार के 10 जिलों में बिगड़ने वाले है हालात, आंधी-तूफान बारिश का बन रहा माहौल, देख लीजिये रिपोर्ट

दरअसल रेल की टूटी पटरी देखने के बाद बच्चे ने अपना सूझ-बुझ का परिचय करते हुए लाल गमछा दिखाना शुरू किया और ट्रेन को रोक दिया. जिससे की बहुत बड़ा होने वाला रेल हादसा टल गया. यह ट्रेन शनिवार की सुबह 9.44 बजे समस्तीपुर स्टेशन पहुंची। वहीँ वहां से १० बजे आगे की ओर प्रस्थान की.

Also read: Bhagalpur-Dumka रेलखंड की बदल जायेगी सूरत 53 करोड़ रुपये होंगे खर्च, होगा १० सब-वे का निर्माण जान लीजिये रेलवे का क्या है प्लान…

और समस्तीपुर स्टेशन से आगे बढ़ते ही कुछ ही दूर पास में ही एक गुमटी है जिसका नाम भोला टॉकीज गुमटी है. वहीँ पर कुछ बच्चे थे जिन्मने की मो. शकील का 12 वर्षीय पुत्र मो. शाहबाज रेल लाइन होकर अपने घर जा रहा था। अचानक उसका नज़र टूटी पटरी पर नजर पड़ी।

Also read: महीना खत्म होते ही सोना के भाव में इजाफा इस हफ्ते सोना-चांदी ₹3400 रूपये हुआ महंगा, जानिये ताजा भाव…

उसी समय उधर से ट्रेन भी आ रही थी उसने अपने गले में लपेटा रंगीन गमछा हिलाना शुरू कर दिया। और ट्रेन में बैठे चालक देखते ही देखते तुरंत में इमरजेंसी ब्रेक लगाया तब तक ट्रेन की तीन बोगी टूटी पटरी पार कर चुकी थी।

Also read: Train News : गया से यशवंतपुर और आगरा से अहमदाबाद जाने वाले लोगों को आराम, बढ़ाई गई कोच की संख्या, स्‍पेशल ट्रेन की होगी शुरुआत…

उसके बाद ट्रेन रुकने के बाद चालक नीचे उतरा और बच्चे से पूछा ट्रेन रुकवाने का कारण तो बच्चे ने चालक को टूटी पटरी के बारे में पूरी जानकारी दी और उसे दिखाया भी उसके बाद यह बात पुरे विभाग में दिया गया और तुरन वहां अधिकारी समेत कई लोग पंहुचे और पटरी को मरम्मत किया उसके बाद ट्रेन आगे बढ़ा इतने सब में ट्रेन को लगभग 45 मिनट का समय गवाना पड़ा |

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...