AddText 03 10 12.29.12

मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल-जल योजन में गड़बड़ी उजागर होने के

Also read: बिहारवासी हो जाए सावधान! पुरे प्रदेश में ज़ोरदार आँधी के साथ होगी बारिश वज्रपात का अलर्ट हो जाए सावधान इन क्षेत्रों का नाम है शामिल!

बाद पटना प्रमंडल के 158 मुखिया एवं पंचायत प्रतिनिधियों पर कार्रवाई होगी।

Also read: Dolly Chaiwala Viral Video : दुसरे को एक टपरी में चाय पिलाने वाला खुद बुर्ज खलीफा में पीते दिखा कॉफी, लोग बोल रहे डॉली भाई का जलवा है

सबसे अधिक रोहतास के 97 मुखिया दोषी पाए गए हैं।

Also read: अब गरीब मजदूर को भी आसानी से कम कीमत में स्टेशन पर मिलेंगे खाना और पानी मात्र 3 रुपया में स्वच्छ पानी और इतने में खाना, जाने….

नल जल योजना की जांच कराई गई तो इसका खुलासा हुआ। मामले में 78 पंचायत प्रतिनिधियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई,

Also read: पूरा सज-धजकर बारात लेकर निकल रहा था दूल्‍हा, उधर प्रेमिका कर रही थी इंतजार सामने आते ही चेहरे पर फेंका एसिड, उसके बाद…

जबकि 35 अधिकारी एवं सरकारी कर्मचारियों पर भी विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पटना प्रमंडल प्रशासन की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार गड़बड़ी करने वालों में पटना जिले के 25, नालंदा जिले के 19,

भोजपुर जिले के 8, बक्सर जिले के 9 तथा रोहतास जिले के 97 मुखिया शामिल हैं।

पटना जिले के 29, नालंदा जिले के 9, भोजपुर जिले के 4, बक्सर जिले के 17 तथा रोहतास जिले के 19 पंचायत प्रतिनिधियों पर प्राथमिकी भी दर्ज करा दी गई है।

गड़बड़ी करने वालों से होगी 337 लाख की वसूली

योजना में गड़बड़ी सामने आने के बाद अब प्रशासन पंचायत प्रतिनिधियों से 337 लाख की वसूली करेगा।

यह राशि नल जल योजना के लिए थी लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों ने पैसे का दुरुपयोग किया।

कई जगहों पर काम अधूरा है और पैसे की निकासी कर ली गई है।

र्बोंरग कराने के बाद पाइप ही नहीं बिछायी गयी है। संबंधित मुखिया एवं वार्ड सदस्यों से राशि की वसूल की जाएगी।

सबसे अधिक नालंदा से 199 लाख वसूली की जानी है। पटना में 64 लाख, रोहतास में 37 लाख, बक्सर में 27 लाख तथा भोजपुर में 9 लाख की वसूली होगी।

ये है गड़बड़ी

पटना जिले के ग्रामीण क्षेत्र में कुल 71 जगहों पर डीएम समेत अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण किया था।

इसके अलावा नालंदा में 17, भोजपुर में 58, बक्सर में 8, रोहतास और कैमूर में 32-32 जगहों पर औचक निरीक्षण किया गया है।

निरीक्षण में पाया गया है कि ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में नल-जल का गुणवत्ता युक्त काम नहीं किया गया है।

आधे अधूरे काम के साथ-साथ कई जगहों पर कहीं पानी की टंकी तो कहीं बोरिंग करके ही छोड़ दिया गया है।

इससे नल-जल योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है।

ज्यादातर जगहों पर पैसे की निकासी कर ली गई है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...