दोस्तों व्यक्ति अपने प्रतिभा के दम पर बहुत आगे चला जाता है और जीवन में वो साड़ी मुकाम हाशिल कर लेता है जिसका वो सपना देखता है लेकिन गरीबी एक ऐसी खतरनाक बिमारी है जो व्यक्ति के अन्दर की प्रतिभा को खत्म कर देती है. दोस्तों आज के इस खबर में हमलोग जानेंगे एक अंडे बेचने वाले लड़के की यूपीएससी फतह करने तक की सफर को.
दोस्तों हम जिस शख्स के बारे में बात कर रहे है उसका नाम मनोज कुमार है और मनोज कुमार बिहार राज्य के सुपौल के रहने वाले है. दोस्तों मनोज के बारे में बताया जात अहि की मनोज बचपन से ही काफी तेज तरार छात्र थे. और लेकिन गरीबी के कारण वो अपना सपने को साकार नहीं कर पा रहे थे.
दोस्तों आज भी हमारे देश भारत में कई ऐसे परिवार है कई ऐसे लोग है जो गरीबी के वजह से कुछ नहीं कर पाते है उनके अनादर कुछ करने की क्षमता होती है लेकिन आज के समय में प्राइवेट कोचिंग वाले ने पढाई का कीमत इतना बढ़ा दिया है की गरीब लोगों के बस की बात नहीं है.
लेकिन मनोज कुमार ने अपने जीवन में कभी हार नहीं मानी और वो अपने जीवन में सभी चुनौतिओं को स्वीकारा और अपने जीवन को एक नए सिरे से शुरुआत किया और वो अंडा बेचना शुरू किया. दोस्तों मनोज ने अपने जीवन में खूब संघर्ष किया अंडा सब्जिया बेचने से लेकर घर में झाड़ू पोछा तक लगाया.
लेकिन वो साइड से पढाई भी करते रहे और एक समय ऐसा आया जब उनकी मेहनत रंग लाई और वो देश के सबसे बड़े लेवल की एग्जाम यूपीएससी में सफलता हाशिल की. दोस्तों एक गरीब परिवार के लड़के का यूपीएससी तक का सफर कर पाना आसान नहीं होता उसके पीछे उसका जीवन भर की मेहनत और संघर्ष एवं माँ-बाप की दुआ शामिल होता है.