ऐसा कहा जाता है कीं अगर इंसान ठान ले तो वो दुनिया में कुछ भी कर गुजर सकता है | असंभव की भी एक न एक दिन शुरुआत करनी ही पड़ती है | और जब उसे स फलता मिलती है तो वही शख्स आने वाले पीढ़ी के लिए मार्ग दर्शन का कारण बनते हैं | दोस्तों एक गरीब पिता कैसे मेहनत मजदूरी करके अपने बेटे को पढ़ता लिखाता है | उसे अपने पैरो पर खड़े होने के काबिल बनाता है |
बेटा भी दिन रात एक कर देता है और कड़े परिश्रम के बाद वो मुकाम हासिल कर लेता है जिससे उसके पिता को उस पर गर्व हो .लेकिन किसे पता होता है ये खुशिया ये कामयाबी कितने दिन की है .आज हम आपको ऐसे ही जवान के बारे में बताने वाले है जो एक हादसे के दौरान इस दुनिया को अलविदा कह गये |
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पैरा कमांडे विवेक कुमार (29 साल) भी तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हो गये, विवेक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के साथ थे, उनके पीएसओ थे, विवेक अपने पीछे 6 महीने का बेटा, पत्नी और माता-पिता को छोड़ गये, वो तीन भाई बहनों में सबसे बड़े थे। रिपोर्ट के मुताबिक विवेक कांगड़ा जिले के जयसिंह पुर उपमंडल के कोसरी इलाके के अपर ठेहड़ू गांव के रहने वाले थे, लांस नायक विवेक कुमार 2012 में जैक राइफल में भर्ती हुए थे बाद में वो पैरा कमांडो में चले गये थे.साल 2020 में उनकी शादी हुई थी, इसी साल 5 महीने पहले वो पिता बने थे।
अपने बेटे का पहला जन्मदिन मनाने की तमन्ना अधूरी रह गई, उनके पिता रमेश चंद दिहाड़ी का काम करते हैं, जबकि मां आशा देवी गृहिणी है, विवेक का छोटा भाई है जो बैजनाथ के चौबीन में बेकरी में काम करती है, एक बहन की शादी हो चुकी है, विवेक अक्टूबर में घर छुट्टी पर आये थे, विवेक का ससुराल कोसरी गांव में ही है, वो 12वीं पास करने के बाद ही जैक राइफल में भर्ती हुए थे।