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भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग का मानना है कि राहुल द्रविड़ से पड़ी फटकार ने बल्लेबाजी को लेकर महेंद्र सिंह धोनी का नजरिया बदल दिया। राहुल द्रविड़ की कप्तानी (2006-07) के बीच ही धोनी एक बड़े हिटर से मैच-फिनिशर में तब्दील हुए। महेंद्र सिंह धोनी ने अप्रैल 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ 123 गेंद पर 148 रन की पारी खेली थी। इस पारी ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई थी। उसी साल उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ 183 रन बनाए थे। हालांकि कुछ ही साल में धोनी ने अपनी आक्रामकता पर लगाम लगाई और एक कूल फिनिशर के रूप में पहचान बनाई।

लेकिन धोनी के साथ के खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग जोकि धोनी के साथ 2011 के विश्व कप में धोनी के साथ टीम खेल चुके हैं। वीरेंद्र सहवाग को धोनी का कहा मित्र भी कहा जाता है। वीरेंद्र सहवाग के क्रिकेट स्कूल में धोनी को साथ देखा जा चुका है। वीरेंद्र सहवाग ने इंडिया न्यूज के साथ ये खुलासा किया है कि धोनी के शुरुआती दिनों में वो एक स्ट्राइक बल्लेबाज के तौर पर जाने जाते हैं। लेकिन द्रविड़ ने माही को उनकी बैटिंग के बारे समझाया जिसके बाद ही धोनी एक अच्छे फिनिशर बन पाए हैं।

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और वर्तमान मुख्य कोच राहुल द्रविड़ जोकि द वॉल के नाम से भी जाने जाते हैं। सहवाग ने बताया 2006-07 के दौरान द्रविड़ ने धोनी को एक खराब शॉट खेलने के बाद बहुत डाट लगाई थी। जिसके बाद उन्होंने धोनी को एक जिम्मेदारी सौंपी थी। महेंद्र सिंह धोनी मैदान पर अंत तक बने रहेंगे। वीरू में अपने इंटरव्यू में बताया कि उन्हें लगता है कि इस इंसिडेंट के बाद माही के आक्रामक खेल में बदलाव आया था। इसी के बाद धोनी ने अपने आप को अच्छे फिनिशर में तब्दील किया था।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...