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M Shivaguru Prabakran Ias: जनसंख्या की दृष्टिकोण से दुनिया के सबसे बड़ा देश भारत है. और भारत की सबसे बड़े लेवल की एग्जाम यूपीएससी परीक्षा को माना जाता है यह परीक्षा पुरे भारत लेवल की होती है और इसमें भारत के विभन्न राज्य से स्टूडेंट भाग लेते है.

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और आज के अधिकांस युवा वर्ग की चाहत होती है की वो UPSC जैसे बड़े लेवल की परीक्षा में भाग ले और आईएएस आईपीएस जैसे अच्छे और सम्मानित पद के लिए चयन हो. लेकिन यही दोस्तों जब इस पद के लिए कोई गरीब का बेटा बिना किसी संसाधन के अच्छे रैंक से सफलता हाशिल करता है तो यह खबर चर्चा का विषय बन जाता है.

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दोस्तों आज के इस खबर में हम जिस शख्स के बारे में चर्चा करने वाले है उनका नाम है एम शिवागुरू प्रभाकरन और ये दक्षिण भारत से आते है आपको बता दूँ की इनका घर तमिलनाडु में है. इनका जन्म बेहद साधारण और गरीब परिवार में हुआ था.

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आप इनके गरिबिब का अंदाजा इस बात से लगा सकते है की इनके पास अच्छा घर नहीं था तो ये अपने पास के स्टेशन पर जाकर सोते थे. इतना ही नहीं इन्हें दो वक़्त की रोटी खाने के लिए मजदूरी भी करनी पड़ती थी लेकिन इन्होने ये सब का जिम्मेदार कभी भी अपनी किस्मत को नहीं माना.

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और अपने जीवन में खूब संघर्ष किया और वहीँ संघर्ष का परिणाम है की इन्होने पुरे इंडिया में यूपीएससी की एग्जाम में 101वीं रैंक हाशिल किया. और शिवगुरु प्रभाकरन आज के युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है. हलांकि शिवगुरु प्रभाकरन को पहली बार में सफलता नहीं मिला था लेकिन कभी भी वो हार नहीं माने.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...