लोगों के लिए राहत की खबर खबर आ रही है की सरसों के तेल के दामो में गिरावट आई है | खाद्य तेलों के सस्ते आयात की वजह से स्थानीय तेल के भाव महंगा बैठने के कारण बीते सप्ताह देश के प्रमुख तेल-तिलहन बाजार में सरसों, सोयाबीन, मूंगफली, सीपीओ और पामोलीन सहित लगभग सभी तेल-तिलहनों के दाम गिरावट के साथ बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि देश अपनी खाद्य तेल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 75-80 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। ऐसे में देश में आयात शुल्क कम किये जाने के बाद मलेशिया और अर्जेंटीना जैसे देशों से सोयाबीन और पामोलीन जैसे तेलों का सस्ता आयात बढ़ने से स्थानीय बिनौला और सोयाबीन तेल के भाव आयातित तेलों से कहीं महंगे बैठने लगे हैं।
पेट्रोल और डीजल के दामों में आई कमी का असर अब अन्य खाद्य वस्तुओं पर भी दिखने लगा है। धनबाद के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों तेल के साथ लगभग हर प्रकार के खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। ज्यादातर खाने में सरसों का तेल प्रयोग किया जाता हैइसके दाम में आई कमी से आम लोगों को बड़ी राहत मिली है। पिछले 6-7 महीनों से लगातार खाद्य तेलो की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही थी। जो सरसों का तेल कुछ दिनों पहले 190 से 220 रुपये लीटर बिक रहा था, उसकी कीमतों में बदलाव हुआ है। इस समय खुदरा बाजारों में एक लीटर सरसों तेल की कीमत 175 से लेकर 180 रुपये के करीब बिक रहा है।
तेल की कीमत
- सरसों तेल प्रति किलो-175 से 190 रुपये
- रिफाइंड- 150 से 160
- जार रिफाइंड -15 किलो-2325 से 2500
- जार, सरसों तेल, 15 किलो 2550 से 2750
तेल की नई कीमत
- सरसों तेल प्रति किलो-155 से 180 रुपये
- रिफाइंड- 145 से 155
- जार रिफाइंड -15 किलो-2250 से 2400
- जार, सरसों तेल-15 किलो-2450 से 2630