भइया अब इसका हम लोग क्या करेंगे। यह सब तुम्हारे लिए था।’ यह कहते हुए वह दहाड़े मार मारकर रो रही थी। साथ ही अपने हाथों से भाई की चिता पर पगड़ी, शेरवानी, कुर्ता-पायजामा जैसी चीजें रखती जा रही रही थी। आस-पास खड़े दो चार लोग उसे चिता से दूर खींचकर लाते। थोड़ी देर बाद […]