बिहार सरकार ने जमीन के मामलों की प्रक्रिया को आसान बनाने और जमीन की दाखिल खारिज में होने वाली गड़बड़ियों को दूर करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया हैं. मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने दाखिल खारिज की सभी प्रक्रिया को ऑफ़लाइन से हटाकर ऑनलाइन कर दिया है. इसके साथ साथ बताया जा रहा हैं की सरकार ने दाखिल खारिज की पूरी व्यवस्था को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए अब दाखिल खारिज के फैसलों को भी अब ऑनलाइन मोड में रखने का निर्णय किया है.
जानकारी के अनुसार, नीतीश सरकार अब सिस्टम को ऑनलाइन कर चुकी है. इसके साथ साथ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने डीसीएलआर कोर्ट को भी ऑनलाइन कर दिया है. जिसके बाद बताया जा रहा हैं की अब बिहार में कोई भी व्यक्ति डीसीएलआर कोर्ट जाए बिना ही अपने केस की जानकारी ले सकता है. बताया जा रहा हैं की सरकार ने दाखिल खारिज अपीलवाद मैनेजमेंट सिस्टम को भी जनता को समर्पित करते हुए ऑनलाइन कर दिया गया है.
मिली जानकारी के अनुसार, बिहार सरकार के मंत्री मंत्री रामसूरत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि बिहार में म्यूटेशन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है. साथ साथ प्रक्रिया से जुड़े सभी कर्मियों की जिम्मेदारी और समय तक तय कर दी गई है. हर महीने म्यूटेशन में लगे कर्मियों की रैंकिंग भी विभाग द्वारा जारी की जा रही है. उन्होंने ने बताया की सरकार की इस पहल के बाद बिहार में दाखिल खारिज में होने वाली गड़बड़ियों को दूर किया जाएगा और दाखिल खारिज की प्रक्रिया सुलभ हो जाएगी.
उधर भूमि विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया कि राजस्व विभाग के सभी कार्यों को धीरे-धीरे ऑनलाइन किया जा रहा है. इसके साथ ही जल्द अपील की सारी व्यवस्था ऑनलाइन कर दी जाएगी. नई व्यवस्था में म्यूटेशन की अपील के लिए आवेदक को सिर्फ डीसीएलआर कार्यालय जाकर आवेदन देना होगा.