AddText 07 28 08.04.06

अधिकतर देखने में यही आया है घर के मुखिया के निधन के बाद पारिवारिक जमीन का विवाद शुरू हो जाता है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी यह विवाद समाप्त करने के लिए बिहार राज्य सरकार ने पारिवारिक बंटवारे के संबंध में कानून बनाया, घर का मुखिया अब 100 रू के स्टांप पेपर के द्वारा संपत्ति का बंटवारा परिवार के सदस्यों में कर सकता है.

इस तरीके से उनको उनका मालिकाना हक मिल जाएगा और विवाद भी नहीं होगा। सरकार द्वारा 2018 में बनाए गए इस कानून के द्वारा जमीन का बंटवारा किया जा सकता है। जिला अवर निबंधन कार्यालय ने जानकारी दी ,के कानूनी हकदार यदि चाहे तो उस जमीन को अपने बच्चों के बीच बंटवारा कर उनका उनको हक दे सकते हैं।

घर का मुखिया यानी के भूस्वामी अपनी जिंदगी में, जिसके बीच बंटवारा करना है वह सक्षम पदाधिकारी या फिर जनप्रतिनिधि से पारिवारिक सूची बनाकर जमीन की चौहद्दी के साथ ₹100 का स्टांप पेपर खरीद कर उस पर बराबर की हिस्सेदारी कर बटवारा करेगा।

जिससे आने वाले समय में मुखिया के बाद विवाद परिवार में उत्पन्न नहीं होगा और शांति बनी रहेगी जिला अवर निबंधन पदाधिकारी रिंकी कुमारी ने बताया गवर्नमेंट द्वारा बनाए गए इस लागू योजना का लाभ वर्तमान समय में भी लोग नहीं ले रहे हैं। पिछले 2 वर्षों में केवल 2 मामले ही सामने आए हैं।

वैसे तो आपको मालूम ही होगा। मुस्लिम लॉ हो या फिर हिंदू कानून दोनों में ही लड़कियों का भी अधिकार संपत्ति में होता है। मगर फिर भी सामाज का माइंडसेट आज भी वही है के लड़की शादी करके चली जाएगी और लड़की का कुछ मायके में या फिर शादी के पहले भी नहीं होता है क्योंकि वह एक लड़की है। तो आपको बता दें भूस्वामी या फिर घर का मुखिया खातियानी जमीन में यदि किसी के जैसे चार लड़के हैं और दो लड़की है तो उस जमीन के बंटवारे के वक्त लड़की के पक्ष को भी रखना होगा ।

नियम के अनुसार इस जमीन में लड़की का भी अधिकार होगा। हां, यदि लड़की संपत्ति में हिस्सा नहीं लेना चाहती है तो ऐसी स्थिति में स्टांप पर ये दर्शाना पड़ेगा ये कानून के द्वारा बटवारा होगा। इसलिए झंझट की कोई संभावना नहीं होगी। परंतु कानून में बहुत सारे नियम ऐसे भी दिए गए हैं, जिसके कारण लोग इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। निबंधन पदाधिकारी ने यह भी कहा जो व्यक्ति खुद जमीन खरीद किया है उस पर यह नियम लागू होता है। 

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...