अगर किसी काम को पूरी सिदद्त से किया जाए तो सफलता हासिल हो ही जाती है. इस दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं है जिसे मेहनत और लगन से ना पाया जा सके. आज हम जिस सिविल सेवा अधिकारी के बारे में बताने जा रहे वो इस बात का जीता जागता सबूत हैं. इस सिविल सेवा अधिकारी का नाम शिवजीत भारती है.
उनके पिता अखबार बांटने का काम करते थे. मुश्किल आर्थिक हालातों का सामना करते हुए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की. दिन रात यूपीएससी की पढ़ाई कर उन्होंने हरियाणा सिविल सेवा की परीक्षा पास कर उप जिला अधिकारी का पद हासिल किया है. आइए जानते हैं उन्होंने कैसे इस परीक्षा को पास किया.
हरियाणा के पंचकुला में जैसिंहपुरा गांव की रहने वाली शिवजीत भारती का परिवार आर्थिक रूप से मजबूत नहीं था. उनके पिता का नाम गुरनाम सैनी है और माता का नाम शारदा सैनी है. पिता घरों में अखबरा बांटने का काम करते हैं. जबकि मां आंगनबाड़ी में काम कर परिवार की आर्थिक रूप से मदद करती हैं. भारती बताती हैं कि पिता को साल में सिर्फ 4 अवकाश ही मिलते हैं. पिता ने हम लोगों की पढ़ाई में कोई कमी नहीं छोड़ी. सुबह जल्दी उठकर वो अखबार बांटने जाते हैं.
उनकी इतनी मेहनत के बावजूद भी घर में पैसों का आभाव बना ही रहता था. भारती ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के स्कूल से ही की. इसके बाद उन्होंने ग्रेजुएशन की परीक्षा पास की. वो कहती हैं कि कम आय के बीच पढ़ाई करना काफी मुश्किल होता है. लेकिन मजबूत इरादे हो तो सब कुछ हासिल किया जा सकता है. अपनी पढ़ाई और किताबों का खर्च निकालने के लिए और परिवार को आर्थिक मदद करने के लिए वो बच्चों को कोचिंग पढ़ाती थी. भारती बताती हैं कि उनके परिवार में एक छोटी बहन और एक दिव्यांग भाई है.
इन मुश्किल हालातों के बीच उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखी. भारती बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहती थी. इसलिए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. कोंचिंग संस्थानों की महंगी फीस के चलते उन्होंने घर में ही रहकर पढ़ाई करने का फैसला किया.
वो जानती थी कि अगर सही तरीके से सेल्फ स्टडी की जाए तो सफलता हासिल की जा सकती है. उनका आत्मविश्वास इतना पक्का था कि उन्होंने हरियाणा की सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर ली.भारती बताती हैं कि उन्हें किताबों, अखबार, मैग्जीन पढ़ना और यूट्यूब पर जानकारी भरे वीडियोज देखना बहुत अच्छा लगता है.