1626944768854

आशा का शुरुआती जीवन काफी कठिनाइयों से भरा हुआ रहा है। साल 1997 में आशा की शादी हुई थी, लेकिन 5 साल बाद उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया और इसके बाद आशा ने अपने दम पर ही खड़े होने की ठान ली थी।”

Also read: Meet IAS Anjali S Despite failing the pre-exam twice, Anjali persevered, didn’t give up her job, and became a topper on her third attempt.

आशा कंडारा एक ऐसी मजबूत शख्सियत हैं, जिन्होने अपनी लगन के जरिये सभी मुश्किलों को बौना साबित कर दिया है। आशा ने अपनी मेहनत के बल पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) की परीक्षा को पास करते हुए राज्य में अधिकारी पद हासिल किया है।

Also read: IAS Success Story: Nandini, Always Preparing Alongside Her Job, Cracks the Exam in Second Attempt, Achieves Success with This Strategy

इसके पहले आशा नगर निगम में बतौर सफाई कर्मी काम कर रही थीं, जहां उनका काम सड़कों पर झाड़ू लगाना और सफाई करना होता था। आशा इस दौरान अपने दो बच्चों की परवरिश करने के साथ ही अपनी पढ़ाई पर भी मेहनत कर रही थीं। जोधपुर की सड़कों पर कभी झाड़ू लगाने वाली आशा ने हाल ही में राजस्थान प्रशासनिक सेवा 2018 की परीक्षा को पास किया।

Also read: Meet IAS Officer Chahat Bajpai She Didn’t Accept Defeat After Two Failures, Succeeded in UPSC Exam on Her Third Attempt With Determination.

आशा का शुरुआती जीवन काफी कठिनाइयों से भरा हुआ रहा है। साल 1997 में आशा की शादी हुई थी, लेकिन 5 साल बाद उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया और इसके बाद आशा ने अपने दम पर ही खड़े होने की ठान ली थी।

Also read: Meet IAS Officer Nishant Jain from Hindi Medium Tops UPSC Exam in Second Attempt: Discover His Success Tips

आशा ने तमाम मुश्किल हालातों से लड़ते हुए अपनी पढ़ाई को जारी रखा और साल 2016 में स्नातक की परीक्षा पास की। आशा के लिए परिस्थितियाँ अब भी वैसी ही थीं, इसी बीच साल 2018 में आशा ने सफाई कर्मी भर्ती की परीक्षा देने का निश्चय किया।

इसी के साथ आशा ने आरएएस की परीक्षा को भी अपना लक्ष्य बना रखा था और वे उसके लिए दिन-रात तैयारी भी कर रही थीं। आशा ने अपनी परीक्षा की तैयारी को देखते हुए ऑनलाइन क्लास भी ली और फिर उन्होने आरएएस प्री की परीक्षा दी।

सफाई कर्मचारी से बनीं अधिकारी

प्री की परीक्षा में पास होने के बाद आशा ने मेंस की परीक्षा के लिए कमर कस ली और फिर वे उसकी तैयारी में जुट गईं। इसी बीच आशा का चयन सफाई कर्मचारी के पद पर हो गया और उन्हें नियुक्ति भी मिल गई।

सफाई कर्मचारी की नौकरी करते हुए आशा को पावटा की मेन सड़क की सफाई की ज़िम्मेदारी दी गई थी, जिसे वे पूरी लगन और कर्मठता के साथ पूरा कर रही थीं। अब आरएएस की परीक्षा पास कर लेने के बाद आशा बतौर अधिकारी अपनी सेवा शुरू कर चुकी हैं।

आशा को तलाक़शुदा होने के चलते आयु में छूट मिली थी, और इस मौके का उन्होने भरपूर लाभ भी उठाया। आशा के अनुसार वे आईएएस की तैयारी करना चाहती थीं, लेकिन उनकी उम्र सीमा से अधिक होने के चलते अब यह संभव नहीं है।

आशा खुलकर अपनी बात रखते हुए यह कहती हैं कि भले ही लोगों के बीच ऐसी अवधारणा हो कि सरकारी तंत्र में जातिवाद नहीं है, लेकिन यह गलत है। सरकारी तंत्र में भी जातिवाद की पैठ है।

आशा का कहना है कि उच्च पद पर रहते हुए वे लोगों की भलाई के लिए हर परिस्थिति में काम करती रहेंगी और युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...