कड़ी धूप में 59 साल की एल वरुदम्मल एक खेत से खर-पतवार निकाल रही हैं। लाल साड़ी, ऊपर सफेद शर्ट पहने और सिर पर लाल गमछा लपेटे वरुदम्मल की सूरत गांव में रहने वाली किसी भी आम महिला जैसी है। पास के ही एक खेत में 68 साल के लोगनाथन जमीन समतल करने में लगे हैं। दोनों को देखकर आप यह बिल्कुल भी अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि उनके बेटे एक केंद्रीय मंत्री हैं।
जी हां , हम बात कर रहे हैं, एल मुरुगन की जो इस वक्त तमिलनाडु से केंद्रीय मंत्री बन गए हैं लेकिन वह अपनी जड़ों को नहीं भूले हैं। उनके माता-पिता अभी भी तमिलनाडु के गांव में खेती करके अपनी जीविका चला रहे हैं। सूचना प्रसारण मंत्री एल मुरगन के माता-पिता का नाम लोकनाथन और वरुदम्मल है।
उनके माता-पिता इस वक्त मत्स्य पालन, डेयरी और पशुपालन का कार्य करते हैं। एल मुरगन के माता-पिता तमिलनाडु के नमक्कल जिले के कुन्नूर गाँव से करीब 400 किलोमीटर दूर निवास करते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जब उनके बेटे केंद्रीय मंत्री बने कुछ चैनल उनके पिता से बात की।
तब उनके पिता वरुदम्मल हिचकते हुए कहते है “मैं क्या करूं अगर मेरा बेटा केंद्रीय मंत्री बन गया है तो?” अपने बेटे के नरेंद्र मोदी कैबिनेट का हिस्सा होने पर उन्हें गर्व तो है मगर वो इसका श्रेय नहीं लेना चाहतीं। उन्होंने कहा, ‘हमने उसके (करिअर ग्रोथ) लिए कुछ नहीं किया।’
बेटा मंत्री बनने के बाद भी मां खेतों में काम कर रही है: बता दे की एल मुरगन के माता पिता एक दलित समाज से आते हैं। आमतौर पर इस समाज को अरुंथथियार भी कहा जाता है। मुरुगन की माता जी को जब पता चला कि उनका बेटा एक मंत्री बनने जा रहा है तब वह खेत में काम कर रही थी। जिस तरह से उनकी रोज़ जिंदगी चलती है उसी प्रकार वह दिन काट रही थी.
और अपना काम कर रही थी, वही जब किसी घर में कोई मंत्री बनता है तो वह ढोल नगाड़े बजते हैं। मुरगन के परिवार में ऐसा कुछ नहीं हुआ। उनके माता पिता का कहना है की मुरूगन की जिंदगी और करियर को लेकर उन्हें ज्यादा फिक्र कभी नहीं हुई। लेकिन, जब उन्हें पता चला कि उनका बेटा मंत्री बन गया है तब वह बेहद ही प्रसन्न थी।