AddText 05 31 12.21.22

ऋषभ पंत की तुलना अक्सर भारत के पूर्व कप्तान और विकेटकीपर एमएस धोनी से की जाती है। 2019 वर्ल्डकप के बाद जब धोनी ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया तो पंत को उनका रिप्लेसमेंट माना गया।

दुर्भाग्यवश इन तुलनाओं ने पंत के फॉर्म पर भी असर डाला। उनके अनियमित प्रदर्शन की वजह से उन्हें टीम इंडिया ने तीनों फॉर्मेटों से बाहर कर दिया था। पंत के बचपन के कोच तारक सिन्हा का मानना है कि धोनी से पंत की तुलना करने पर पंत का मनोबल प्रभावित हो सकता है।

न्यूज 18 क्रिकेट नेक्सट से बात करते हुए तारक ने कहा, “रोहन गावस्कर खराब खिलाड़ी नहीं थे। लेकिन उन्हें हमेशा ये याद दिलाता जाता था कि वो अपने पिता के आस-पास भी नहीं है।

पंत के साथ भी कुछ ऐसा ही  हुआ। कम खिलाड़ी होते हैं जो ऐसी तुलना का दबाव झेल पाते हैं। लेकिन मैं हमेशा से कहता रहा हूं कि पंत की इच्छाशक्ति ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। इसी के दम पर उन्होंने अपने खेल पर फोकस किया। पंत ने बताया कि वो बहुआयामी स्ट्रोक खिलाड़ी हैं। उन्होंने और स्ट्रोक जोड़े।”

गौरतलब है कि पिछले साल ऑस्ट्रेलिया दौरे में पंत ने दमदार वापसी की और मैच विनर बनकर उभरे। इसके बाद पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में भी इस प्रदर्शन को आगे बढ़ाया। इसके बाद उन्होंने टी20 और वनडे में भी टीम इंडिया में वापसी की। पंत से भारतीय टीम को इंग्लैंड दोरे में काफी उम्मीदें हैं। भारत और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल 18 जून से 22 जून तक साउथैम्प्टन में खेला जाएगा। इसके बाद भारत इंग्लैंड के साथ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज  खेलेगा। 

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...