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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआइ) के अध्यक्ष सौरव गांगुली, सचिव जय शाह और आइपीएल चेयरमैन बृजेश पटेल पहले से ही दुबई में मौजूद राजीव शुक्ला के साथ मंगलवार को आइसीसी बोर्ड की बैठक में भाग लेंगे। इस बैठक में भारत में होने वाले टी-20 विश्व कप पर चर्चा होगी।

इसके बाद यह चारों बुधवार को अमीरात क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन शेख अल नहयान मुबारक से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में आइपीएल को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में कराने पर अंतिम मंजूरी लगेगी।

अक्टूबर में दुबई एक्सपो भी होना है। ऐसे में हमें होटल बुकिंग वगैरह देखनी होंगी। बाकी क्रिकेट बोर्डो के द्विपक्षीय सीरीज होने के कारण अपने खिलाड़ियों को आइपीएल में खेलने की मंजूरी नहीं देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी देश के खिलाड़ी आएं या नहीं आएं यह टूर्नामेंट होकर रहेगा। हमें इस सत्र का आइपीएल कराना है जो व्यावसायिक और भारतीय खिलाड़ियों दोनों के लिए अहम है। हम संबंधित क्रिकेट बोर्डो से बात करेंगे लेकिन यह उन पर हैं कि वे किन खिलाड़ियों को कितने दिनों के लिए अनुमति देते हैं।

मालूम हो कि कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) के आयोजकों ने 20 मई को एलान किया था कि आगामी सत्र 28 अगस्त से 19 सितंबर तक चलेगा। वेस्टइंडीज के क्रिकेटरों की आइपीएल में मांग बहुत अधिक है। कीरोन पोलार्ड (मुंबई इंडियंस), आंद्रे रसेल, सुनील नरेन (कोलकाता नाइटराइडर्स), क्रिस गेल, निकोलस पूरन (पंजाब किंग्स), डवेन ब्रावो (चेन्नई सुपरकिंग्स), शिमरोन हेटमायर (दिल्ली कैपिटल्स) आइपीएल और सीपीएल दोनों में खेलते हैं। फाफ डुप्लेसिस, इमरान ताहिर (सुपर किंग्स) और क्रिस मौरिस (बारबाडोस) भी दोनों लीग में खेलते हैं। अब सीपीएल को सोचना होगा कि वह कैसे टूर्नामेंट को आइपीएल से पहले खत्म करके खिलाड़ियों को सीधे चार्टर्ड फ्लाइट से यूएई भेजे।

इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन (कोलकाता नाइटराइडर्स), जोस बटलर, बेन स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर (राजस्थान रॉयल्स), जॉनी बेयरस्टो, जेसन रॉय (सनराइजर्स हैदराबाद), सैम कुर्रन, मोइन अली (चेन्नई सुपरकिंग्स), क्रिस वोक्स और टॉम कुर्रन (दिल्ली कैपिटल्स) आइपीएल की टीमों के शीर्ष खिलाड़ी हैं। इसमें से कई खिलाड़ी आइपीएल के बचे हुए सत्र में नहीं खेल पाएंगे क्योंकि इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के निदेशक एश्ले जाइल्स ने इशारा किया था कि उनके खिलाड़ियों की पहले प्राथमिकता भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद टी-20 विश्व कप से पहले सीमित प्रारूपों की सीरीज खेलने की रहेगी।

आइसीसी से बात : बोर्ड के एक सदस्य ने कहा कि एसजीएम में पदाधिकारियों को आइसीसी से विश्व कप के लिए समय-सीमा मांगने के लिए अधिकृत भी किया गया है। इससे टी-20 विश्व कप के आयोजन पर आखिरी फैसला लेने के लिए एक महीने का अतिरिक्त समय मिल सके।

भारत में टी-20 विश्व कप से सभी पक्षों को लाभ होगा लेकिन मई में आप अक्टूबर के स्वास्थ्य हालात पर बात नहीं कर सकते। हमें कुछ समय चाहिए। इसके अलावा आइसीसी चाहती है कि भारत सरकार उसे कर में छूट दे। इस पर पदाधिकारी ने कहा कि हमें सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...