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बिहार की किस्मत चमकने वाली है। इस महामारी के समय में भी कई बड़ी कंपनियां बिहार में निवेश करने के लिये इच्छुक हैं। कई कंपनियों ने अपना प्रस्ताव दिया है। अब राज्य सरकार के ऊपर डिपेंड कर रहा है कि वो इन प्रस्तावों को किस तरह आगे बढ़ाती है। अगर सरकार चाहे तो इन प्रस्तावों को अमल में लाकर हजारों रोजगार का सृजन कर सकती है।

वर्तमान में सर्वाधिक जरूरी अगर कुछ है तो वो है रोजगार सृजन का। लोगों तक पैसा पहुंचाने का। कोविड महामारी में लोगों के सामने जो सबसे बड़ी समस्या आई है वो यही है। प्राइवेट नौकरियां चली गईं हैं। लाखों लोग बेरोजगार हो गये हैं। उन्हें पता ही नहीं चल रहा है कि वो आखिर करें तो क्या करें? अब बहुतेरे लोग महानगर की ओर भी रुख करने को तैयार नहीं हैं। उन्हें उम्मीद है कि नीतीश सरकार कुछ बेहतर तो करेगी ही।

बहरहाल देश की कई नामचीन कंपनियां बिहार का रुख कर रही हैं। यह कंपनियां यहां निवेश की इच्छुक हैं। शुक्रवार को विकास आयुक्त आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में हुई राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद (एसआईपीबी) की 29वीं बैठक में देखने को मिली। इस बैठक में 3516 करोड़ के 70 निवेश प्रस्ताव को स्टेज-1 क्लियरेंस प्रदान की गई।

स्वीकृत प्रस्तावों में इथेनॉल व ऑक्सीजन उत्पादन समेत खाद्य प्रसंस्करण के कई प्रस्ताव शामिल हैं।बिहार में निवेश का माहौल बन रहा है। राज्य ने कोरोना काल में ही नई इथेऩॉल नीति व ऑक्सीजन नीति बनाई है। इसके जरिए निवेशकों को दी गई सुविधाओं का असर दिखने लगा है।

70 निवेश प्रस्ताव में 15 इथेनॉल क्षेत्र के हैं, जिसमें 2554 करोड़ निवेश होगा। जबकि ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों के 5 प्रस्तावों में 58.83 करोड़ निवेश होने की संभावना है। खाद्य प्रसंस्करण के 21 प्रस्ताव में 456.78 करोड़ व सामान्य मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र के 16 प्रस्ताव में 296.48 करोड़ निवेश प्रस्तावित है। खास बात यह है कि कई बड़ी कंपनियों ने निवेश प्रस्ताव दिए हैं।

इनमें सज्जन जिंदल ग्रुप की जेएसडब्ल्यू प्रोजेक्ट्स लि., हल्दीराम भुजियावाला, माइक्रोमैक्स बॉयो फ्यूल्स, इडेन स्मार्ट एग्रोटेक, न्यूवे होम्स, एलायंस इंडिया कन्ज्यूमर प्रोडक्ट्स, न्यूजेन बायो फ्यूल्स, बिहार डिस्टिलर्स एंड बॉलर्स इंडिया और शक्ति अर्थ मूवर्स एलएलपी शामिल हैं।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...