दोस्तों एक कहावत है की अगर आपके मन में कुछ पाने की जूनून हो तो दुनिया की कोई ताकत आपको सफलता हाशिल करने से नहीं रोक सकती है. आज की कहानी भी कुछ ऐसी है दरअसल आज के इस पोस्ट में हम बात करने वाले है एक ऐसे आईएएस(IAS) अधिकारी के बारे में जिनके पिता रिक्सा चलाते थे.
वाराणसी के है गोविन्द
दोस्तों हम जिस शख्स के बारे में बात कर रहे है उसका नाम गोविन्द जायसवाल है गोविन्द मूल रूप से उत्तरप्रदेश के वाराणसी के रहने वाले है. गोविन्द का जन्म बेहद साधारण परिवार में हुआ था गोवोंग का बचपन आर्थिक तंगी से होकर गुजरा लेकिन गोविन्द अपने पढाई के प्रति हमेशा जागरूक रहते थे.
संघर्ष के समय में लोगों ने मारे थे ताना
गोविन्द का बचपन से ही सपना था की वो पढ़-लिखकर अच्छे पद पर जाए अच्छी नौकरी ले इसीलिए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दिया लेकिन उनके संघर्ष के समय में उन्हें दोस्तों और रिश्तेदार के लोगों ने उन्हें कहा था की पढ़ाई तेरे बस की बात नहीं पिता के जैसे टूभी रिक्सा चलाओ लेकिन गोविन्द जायसवाल ने उन लोगों के बातों पर ध्यान नहीं दिया.
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ऑलइंडिया में लाया 48वां स्थान
और पहले प्रयास में गोविन्द ने यूपीएससी की परीक्षा में ऑलइंडिया में 48वां रैंक हाशिल किया. गोविन्द के इस सफलता से उन लोगों के मुंग पर कड़ी तमाचा है जो कहते थे गोविन्द को की पढ़ाई तुम्हारे बस की बात नहीं. गोविन्द के इस सफलता से उनके परिवार के लोगों में काफी ख़ुशी का लहर है.