गवर्नर शक्तिकांत दास
गवर्नर शक्तिकांत दास

RBI (Reserve Bank of India) ने देश में सभी 2000 के नोट को वापस लेने का फैसला तो कर लिया, लेकिन देश की जनता यह सवाल का जबाब मांगने लगी की यह 2000 की नोट बंदी की क्या आवश्यकता है. पिछले 2-3 दिन से इस बात को लेकर सभी मीडिया हाउसेस में इस बात कर कई राउंड डिबेट हो चूका है लेकिन आखिकार RBI के मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपना स्टेटमेंट जारी कर दिया है.
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करेंसी मैनेजमेंट एक्सरसाइज

RBI के गवर्नर ने कहा है की यह 2000 के नोट को वापस लेने का एक मात्र उद्येश्य करेंसी मैनेजमेंट एक्सरसाइज का एक कदम है. आगे गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा की देश में पहली बार जब नोटबंदी हुई थी तब 2000 के नोट 500 और 1000 रूपये की नोट के भरपाई के लिए छापी गई थी. जो की पुरे करेंसी के मात्र 10% है.

 2000 के नोट
2000 के नोट

30 सितम्बर तक का वक्त

सरकार ने सभी लोगो को 30 सितम्बर तक का वक्त दिया है. साथ ही जिनके पास ज्यादा नोट है वो एक बार में बस 20000 (10×2000) को ही बैंक से एक्सचेंज कर सकते है. RBI ने कहा है की लोग बैंक पर जा कर ज्यादा अफरा-तफरी न करे, अभी काफी वक्त है आराम से अपने नोट के नजदीकी बैंक को सौप कर दुसरा संचालित नोट ले लें.
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काला धन में आएगी कमी

इस कदम से देश में इक्कठा हुई ब्लैक मनी में भी काफी कमी आएगी. कला धन के कम होने से देश की अर्थव्यवस्था को एक नई रफ़्तार मिलने लगेगी. लोगो से यह अपील की गई है की पैनिक न जो अभी पर्याप्त समय है आराम से किसी भी नजदीकी बैंक में जाकर एक बार में 10 , दो हजार के नोट को बदल कर कोई दूसरा संचालित नोट प्राप्त कर सकते है.

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