dipesh kumari
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IAS Success Story: दोस्तों समय कब किसका बदल जाए ये कोई नहीं जानता वो कहा जाता अहि न किसी का अगर बुरा समय चल रहा हो तो उसके ऊपर हँसना नहीं चाहिए. दोस्तों आज के इस खबर हम एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे है जिन्होंने सड़क किनारे ठेले पर पकौड़ा बेचकर दो बेटे को डॉक्टर और एक बेटी को आईएएस अधिकारी बना दिया.

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IAS Success Story in dipesh kumari: दोस्तों आज के खबर में हम जिस अभ्यार्थी के बारे में बात कर रहे है उनका नाम दीपेश कुमारी है दीपेश कुमारी का जीवन संघर्षों से भरा है. उनका जन्म बेहद साधारण एवं गरीब परिवार में हुआ अथ आपको बता दूँ की दीपेश कुमारी मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर की रहने वाली है.

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दोस्तों दीपेश के पिताजी राजस्थान के भरतपुर के सड़कों पर ठेले पर पकौड़ा बेचते थे. लेकिन दोस्तों हेल ही दीपेश के पिता ठेला पर पकौड़ा बेचते थे लेकिन उन्हें अपने बच्चे को लेकर बहुत उम्मीद था इसीलिए वो अपने बच्चे को अपने जैसे नहीं बनाना चाहते थे और उनके पढाई-लिखाई पर काफी ध्यान देते थे.

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IAS Success Story dipesh kumari ki kahani: दोस्तों दीपेश भी अपन पिता के दुःख को लेकर काफी परेशान रहती थी और उनके पास इस समस्या से निजात पाने के लिए मात्र एक विकल्प था वो था अच्छी शिक्षा पाकर अच्छे नौकरी लेना भले ही दीपेश के पास कम संसाधन था लेकिन वो कभी हार नहीं मानी. और लगातार मेहनत करती रही वो एक बार यूपीएससी की परीक्षा में भी असफल हो गई उसके बाद वो पूरी तरह टूट गई.

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IAS Success Story dipesh kumari rajsthan: लेकिन घर के लोगों ने उसे समझाया बुझाया दीपेश फिर से अपने गलती को सुधारने के बाद यूपीएससी की दूसरी परीक्षा देने के लिए पूरी तरह तैयार थी उन्होंने दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी जिसमें उसे 93वां रैंक आया और वो आईएएस अधिकारी बनी दीपेश अपने इस सफलता का श्रेय अपने पिता को देती है.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...