दोस्तों एक महान शख्स ने कहा है की इंसान के जीवन में दुःख, दर्द पीड़ा तभी तक है जब तक वो हाथ पे हाथ धरे हुए बैठा है अगर इंसान कुछ करने की ठान ले तो दुनिया की कितनी भी मुसीबतें क्यूँ न सामने आ जाए कुछ नहीं बिगाड़ सकता आज के खबर भी कुछ ऐसी है.

दरअसल आज के इस खबर में हमलोग जानेंगे एक ऐसी लड़की के बारे में जो कभी सड़कों पर झाड़ू लगाकर कचरा साफ़ करती थी. लेकिन अब वो sdm बन गई है जी हाँ दोस्तों उस लड़की का नाम है आशा कंडारा और इनका घर राजस्थान के जोधपुर जिले में है.

दोस्तों आशा कंडारा का जन्म बेहद साधारण परिवार में हुआ था और बचपन से ही आशा कंडारा की सपना था की वो पढ़-लिखकर एक अच्छे अधिकारी बने. लेकिन घर की स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी की घर के लोग उन्हें अच्छे स्कूल में दाखिला करवा सके.

दोस्तों आशा के जीवन में ढेर साड़ी समस्या आई लेकिन सभी समस्या को आशा ने डटकर मुकाबला किया. जब आशा अपनी वैवाहिक जीवन में प्रवेश की तो कुछ ही दिनों के बाद आशा के पति ने उसको तालाक दे दिया उसके बाद उसे दो वक़्त की रोटी खाने के लिए भी सोचना पड़ता था.

लेकिन आशा ने तब भी हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने तब से ही मन में बना ली की हमें जीवन में कुछ करना है और पढाई करना भी शुरू कर दी दोस्तों आशा के लिए पढाई करना उतना आसान नहीं था क्यूंकि आशा के पास उतने पैसे नहीं थे लेकिन उसके बाद भी आशा ने हार नहीं मानी.

और कुछ पैसे के तलाश में सड़कों पर झाड़ू लगाना शुरू कर दी दोस्तों एक कहावत है की जो कुछ नहीं सिखाता वो गरीबी और जिम्मेदारी इंसान को सिखा देती है. बिलकुल वैसा ही हुआ आशा कंदारा के साथ आशा कंडारा भी अपनी जिम्मेदारी समझी और sdm बनी.
