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राज्य के पांच जिले में सड़कों का जाल बिछेगा। अगले डेढ़ सालों में 1800 किलोमीटर सड़कों का निर्माण इन जिलों में होगा। उग्रवाद प्रभावित इन पांचों जिलों में सड़क निर्माण की योजना तैयार की गई है। पथ निर्माण विभाग की कोशिश है कि इन जिलों में तय समय में सड़कों का निर्माण पूरा हो जाए ताकि क्षेत्र के लोगों को आवागमन में सुविधा हो। जिन जिलों में सड़कों का निर्माण होगा, वह औरंगाबाद, गया, बांका, जमुई और मुजफ्फरपुर है।

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बिहार के इन जिलों को उग्रवाद प्रभावित जिलों की श्रेणी में अरसा पहले शामिल किया गया है। इसलिए इन जिलों में वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र पथ विकास योजना (आरसीपीएलडब्ल्यूईए) के तहत सड़कों का निर्माण होगा। अधिकारियों के अनुसार इन जिलों में सड़क बनाने का काम तीन चरणों में हो रहा है। पहले चरण में 64 अदद पथ पैकेज की मंजूरी दी गई है। इसके तहत कुल 1038 किलोमीटर लंबी सड़क और 39 पुल का भी निर्माण होगा।

इन पथ परियोजनाओं की मंजूरी वर्ष 2017 में ही प्राप्त हुई थी। अब तक इसमें से 903 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। साथ ही 19 पुलों का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया है। बाकी सड़क व पुलों का निर्माण कार्य मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में केंद्र सरकार ने दूसरे चरण में 50 पथ पैकेज की मंजूरी दी। दूसरे चरण में कुल 589.66 किलोमीटर लंबी सड़क के साथ ही 27 पुल पैकेज की भी स्वीकृति दी गई।

इस परियोजना को पूरा करने में 1034.06 करोड़ खर्च होने हैं। इस चरण में अब तक 282 किमी सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है। बाकी बचे सभी कार्य को मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। तीसरे चरण के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में अतिरिक्त 11 पथ पैकेज की मंजूरी मिली है। इसके तहत 189.20 किलोमीटर लंबी सड़क और एक पुल का निर्माण होना है। इस परियोजना पर 265.36 करोड़ खर्च होने हैं। पुल व सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विभाग की कोशिश है कि अगले 18 महीने में इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाए।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...