बिहार में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार कोई बड़ा फैसला ले सकती है. राज्य में नाइट कर्फ्यू लगाने के बावजूद भी संक्रमण की रफ़्तार कम नहीं हो रही है. प्रतिदिन 11-12 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में सबकी निगाहें लॉकडाउन के विकल्प पर टिकी हुई हैं.
सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद पटना की सड़क पर निकल कर स्थिति का जायजा लिया और निरीक्षण करने के बाद उन्होंने बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव समेत बिहार सरकार के कई विभाग के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हाई लेवल मीटिंग की.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तमाम गतिविधियों से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम नीतीश जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाने वाले हैं. हालांकि अब तक इसपर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है और न ही कोई आधिकारिक बयान सामने आया है.
गौरतलब हो कि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कोरोना संकट को देखते हुए नीतीश कुमार मंगलवार की बैठक में बिहार में 14 दिन का लॉकडाउन लगाने का फैसला ले सकते हैं.
कल मंगलवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक तय की गई है. माना जा रहा है कि मंगलवार को होने वाली बैठक में कई अहम निर्णय लिये जा सकते हैं. संक्रमण की रोकथाम के लिए कई नए आवश्यक निर्देश भी जारी होने की संभावना है.
वही बिहार में कोरोना की भयावह स्थिति से निपटने में लगी सरकार ने विधायक औऱ विधान पार्षद फंड में भारी कटौती कर दी है. बिहार के तमाम MLA-MLC के फंड से दो-दो करोड़ रूपये ले लिये गये हैं. सरकार ने इस तरीके से 600 करोड़ रूपये से ज्यादा जुटा लिया है.
विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की ओऱ से जारी किये गये पत्र में कहा गया है कि कोरोना महामारी की बिहार में रोकथाम औऱ इससे संक्रमित लोगों के इलाज के बंदोबस्त के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि विधायक-विधानपार्षद फंड से पैसे लिये जायें. अब उनके फंड से दो-दो करोड़ रूपये की राशि ली जायेगी.