दोस्तों इस वक़्त की सबसे बड़ी खबर निकलकर आ रही है कि राजधानी पटना के सड़कों पर 1 अप्रैल से डीजल से चलने वाली बस और ऑटो नहीं चलेगी इसलिए क्योंकि देश की राजधानी दिल्ली के बाद सबसे जायदा प्रदूषित पटना ही माना जाता है | इसी लिए प्रदुषण को ध्यान में रखते हुए बिहार सरका बड़ा कदम उठाएगी | मीडिया के हवाले से खबर आ रही है कि अप्रैल की पहले तारीख से पटना की सड़कों पर जितने भी बस और ऑटो है सभी का परिचालन बंद कर दिया जाएगा | और उसके जगह पर इलेक्ट्रिक बस एवं सीएनजी बस तथा ई-रिक्सा को बढ़ावा दिया जाएगा |
जानकरी के अनुसार आपको बता दे कि साल २०१९ में बिहार केविनेट की र से एक अहम निर्णय लिया गया था | निर्णय में यह था कि पटना के कुछ इलाके नगर-निगम क्षेत्र जैसे : दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ में 31 जनवरी 2020 से डीजल वाली बस और ऑटो नहीं चलेगी। लेकिन इस तारीख को बढ़ा दिया गया और कुछ बस एवं ऑटो मालिक को कुछ समय का मोहलत दे दिया गया |
दरअसल सरकार कई मुद्दे पर काम कर रही है जिसमे से एक मुद्दा ये भी है कि पटना में जितने भी डीजल से चलने वाली बस और ऑटो है उसको बस ड्राईवर एवं ऑटो ड्राईवर सीएनजी में कन्वर्ट कराए | वहीँ परिवहन विभाग की कोशिश यही रहती है की राजधानी पटना में अधिक से अधिक सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक बस चलाया जाए | जिससे प्रदुषण कम हो और लोगों को प्रदुषण से कोई दिक्कत न हो |
इसको लेकर राज्य सरकार अनुदान भी देती है जो ड्राईवर अपने बस को सीएनजी में कन्वर्ट करवाएंगे उसको राज्य सरकार अपनी और से अनुदान राशि भी देती है | वही आपको बता दूं कि इन सभी सीएनजी बसों का परिचालन पटना के जिन जिन रुट पर किया जाएगा। उस में मुख्यतः गांधी मैदान से हाजीपुर, राजगीर, बिहटा, नालंदा, गया सहित शहर के विभिन्न रूटों पर सीएनजी बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी।