बिहार : बिहार के सुपौल जिले के सरायगढ़, राघोपुर, बसंतपुर, प्रतापगंज, त्रिवेणीगंज, छातापुर, किशनपुर, पिपरा, मरौना, सदर प्रखंड के चार दर्जन गांवों की जर्जर सड़कें चिकनी होंगी। राहगीरों को अब हिचकोले नहीं खाने पड़ेंगे। पैदल चलने वालों को भी ठोकर लगने का डर नहीं सताएगा। योजना धरातल पर उतरेगी तो दो लाख से अधिक की आबादी का आवागमन सहज हो जाएगा। 

ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा जीर्ण-शीर्ण हाल में पहुंच चुके ग्रामीण पथों को चकाचक बनाने के लिए प्राक्कलन तैयार कर लिया गया। प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। करीब 29 करोड़ की लागत से करीब 67 किलोमीटर जर्जर सड़कों की सूरत बदली जाएगी। चयनित सड़कों में जिले के सभी प्रखंडों को मिलाकर तीन दर्जन सड़क हैं। ज्यादातर सड़कों की स्थिति अच्छी नहीं हैं। 

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जानकारी के मुताबिक कई सालों से मरम्मत नहीं होने के कारण जगह-जगह जानलेवा गड्ढे बन गये हैं। इसका खामियाजा वाहन चालकों के साथ-साथ राहगीरों को उठानी पड़ रही है। आधा दर्जन ऐसी सड़कें हैं जिसपर पैदल चलने में भी कठिनाई होती है। इन सभी सड़कों का सर्वे कराने के बाद विभाग द्वारा मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है।

आरईओ वीरपुर में 26 सड़कों पर चल रहा काम

ग्रामीण कार्य प्रमंडल वीरपुर के एई जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हाल में स्वीकृत 26 सड़कों की मरम्मत का काम चल रहा है। बताया कि 15 करोड़ 59 लाख 47 हजार 657 रुपये की लागत से सड़क बन रही है। इसमें अधिकांश सड़कें अप्रैल तक चकाचक हो जाएंगी। बताया कि चार से पांच सड़कों की सूची और प्राक्कलन बनाकर भेजा गया है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...