भारत से नेपाल के बीच रेल परिचालन का रास्ता साफ नहीं हो रहा है। हर दो महीने के बाद अधिकारी इस बात का संकेत देते हैं कि जल्द भारत व नेपाल के बीच ट्रेनों का परिचालन शुरु हो जाएगा, लेकिन होता नहीं हैं। भारत के जयनगर से नेपाल के कुर्था तक रेल लाइन और स्टेशन बने तीन साल हो गए हैं। अधिकारियों के अनुसार इस बीच भारत और नेपाल के अधिकारियों के बीच औपचारिक और अनौपचारिक बैठकें अभी तक 20 बार से ऊपर हो चुकी है |
दो साल से बन नही रही है बात
जानकारी के अनुसार बीते पिछले दो वर्षों से भारत से सटे नेपाल के इनवा स्टेशन पर दो नई ट्रेन परिचालन के लिए खड़ी गई है। जो अब तक नहीं चल सकी है, ट्रेन नई से अब पुरानी होने लगी। रंग उखड़ने लगी हैं कई जगह पर कोच के सीसे भी दरका हुआ है। हिन्दस्तान की टीम ने बुधवार को जयनगर से नेपाल के इनवा स्टेशन का जायजा लिया।
टीम ने पाया कि दो वर्षो से दो ट्रेन स्टेशन पर खड़ी है जिसका कुछ भारतीय कर्मचारी(कोकण रेलवे) मेनटेनेंस कर रहे हैं। बिना चले ही ट्रेन के रिपेयरिंग की आवश्यकता हो गई है। लेकिन अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है की ट्रेन चलेगी या नही चलेगी | वहीँ रेल अधिकारिओ का कहना है की ट्रेन पूरी तरह चलने के लिए तैयार है | जैसे ही सरकार की आदेश आती है | ट्रेन का परिचालन शुरू कर दी जायेगी | वैसे उम्मीद है की मार्च के पहले सप्ताह से चल सकती है |
सूत्रों के मुताबिक भारत के जयनगर से नेपाल के वर्दीवास तक 69 किमी की रेल परियोजना को तीन फेज में पूरा किया जाना है। इसमें 750 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पहले फेज में जयनगर से नेपाल के कुर्था तक भाया जनकपुर 34 किमी रेललाइन और स्टेशन का निर्माण पूरा हो गया है। दूसरे फेज में कुर्था से बिजलपुरा 18 किमी तक रेल निर्माण कार्य चल रहा है। तीसरे फेज में बिजलपुरा से वर्दीवास तक 17 किमी पर आमान परिवर्तन का कार्य जारी है।