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यह जाहिर-सी बात है कि हम जो भी काम करें उसमें सफल होने की इच्छा रखते हैं। परंतु कई बार प्रयास करने के बाद भी विफलता भी मिल जाती है। जब व्यक्ति लगातार असफल होता है तो उसे निराशा घेर लेती है। फिर ऐसे में कई बार बहुत से लोग तो कोशिश करना ही छोड़ देते हैं और हार मान कर बैठ जाते हैं तथा कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो असफल होने के बाद भी मजबूती से पुनः प्रयास करते हैं और अन्ततः वे उस काम में सफल हो जाते हैं।

ऐसे ही एक महिला हैं, तृप्ति अंकुश धोड़मिसे जिन्होंने UPSC एग्जाम में 3 बार फेल होने के बाद भी अपने पति का प्रोत्साहन पाकर फिर से प्रयास किया और आखिरकार अपने सपने को पूरा करते हुए IAS ऑफिसर बनीं.

तृप्ति ने UPSC एग्जाम में साल 2018 में ऑल इंडिया रैंक 16 हासिल की और वे IAS बनीं, लेकिन उनका यह सफ़र आसान नहीं था। इस सफलता से पहले उन्होंने कई बार हार का सामना भी किया। परीक्षा देने के साथ ही वह जॉब भी किया करती थी और विवाहित होने की वज़ह से परिवार की जिम्मेदारी भी निभानी होती थी।

तृप्ति ने लगातार 3 बार यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) दी लेकिन हर बार वे फेल हो गयीं। फिर निरंतर असफल होने के बाद वे हताश हो गई और उनका आत्मविश्वास गिर गया था। परंतु फिर पति के प्रोत्साहित करने पर उन्होंने एक बार फिर से प्रयास किया और इसी का परिणाम था कि इस बार उन्हें परीक्षा में कामयाबी मिली।

जॉब मिलने के बाद भी तृप्ति ने सिविल सेवा में जाने का निश्चय कर लिया था। हालांकि वे जानती थी कि विवाहित जीवन तथा जॉब करने के साथ-साथ उन्हें यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) देने में बहुत कठिनाई आने वाली है, परंतु फिर भी उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी।

तृप्ति ने जब दूसरी बार यूपीएससी का एग्जाम दिया तो वे फाइनल राउंड तक पहुँच गयीं थीं, परन्तु वे सेलेक्ट नहीं हो पाईं, जिससे उनका आत्मविश्वास गिर गया और वे पूरी तरह हताश हो गई। यही वज़ह थी कि तीसरे प्रयास में तो तृप्ति प्री परीक्षा भी पास नहीं कर सकीं। तीन बार हार का सामना करने के बाद में निराश हो गई और उन्होंने इस फील्ड में जाने के बारे में छोड़ दिया था। परंतु फिर उनके पति ने उन्हें प्रोत्साहित किया और पूरी मेहनत से एक और बार कोशिश करने को कहा।

IAS तृप्ति दूसरे प्रतिभागियों को सलाह देते हुए कहती हैं कि इस परीक्षा में पास होना मुश्किल ज़रूर है लेकिन नामुमकिन नहीं है। आपका आत्मविश्वास का स्तर बेहतर होना चाहिए, यदि आप पूरे आत्मविश्वास के साथ यह एग्जाम देंगे तो आप अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि जब दूसरी बार भी वह एग्जाम में फेल हुई तो उनका कॉन्फिडेंस लेवल डाउन हो गया था और उन्हें लगने लगा था कि वह कभी पास नहीं हो पाएंगी।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...