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IPS Ayman Jamal – आईपीएस (IPS) बनना हर किसी का सपना होता है। लेकिन हर किसी का ये सपना हक़ीक़त में तब्दील नहीं होता। लेकिन बहुत से युवा ऐसे भी होते हैं जो लगातार मेहनत करते रहते हैं और अतत: उनका ये सपना हक़ीक़त के रूप में उभर कर सामने आता है। आज हम आपको कामयाबी की जो कहानी बताने जा रहे हैं। वह भी कुछ ऐसी ही है।

ये कहानी है ऐमन जमाल (IPS Ayman Jamal) की। जो भले ही परिवार की तरफ़ से संपन्न है पर आप जानते ही होंगे कि मुस्लिम परिवारों में आज भी महिलाओं को सरकारी नौकरी या अधिकारी बनने की सभी परिवारों में इजाज़त नहीं होती। ज्यादातर मुस्लिम महिलाएँ शादी के बाद घर में रहकर परिवार की देखभाल और बच्चों का पालन-पोषण ही करती हैं।

ऐमन जमाल को जब यूपी के सीएम ने देखा कि कैसे आज वह बने बनाए रास्तों को तोड़कर आगे निकल रही हैं, तो वह भी उनकी तारीफ किए बिना ख़ुद को नहीं रोक पाए। आइए जानते हैं क्या है ऐमन जमाल (IPS Ayman Jamal) की कहानी…आईपीएस ऐमन जमाल (IPS Ayman Jamal) का जन्म गोरखपुर (Gorakhpur) में हुआ था। इनके पिता का नाम हसन जमाल है, जो कि पेशे से बिजनेसमैन हैं।

इनकी माँ अफरोज बानो प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका हैं। ऐमन जमाल बताती हैं कि उन्होंने सेंट एंड्रयूज कॉलेज से जंतु विज्ञान में ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद साल 2016 में उन्होंने अन्नामलाई विश्वविद्यालय से डिस्टेंस से मानव संसाधन में डिप्लोमा किया हुआ है।

ऐमन बताती हैं साल 2018 में उनका सिलेक्शन ऑर्डिनेंस क्लोदिंग फैक्ट्री शाहजहांपुर में सहायक श्रम आयुक्त के पद पर हो गया। नौकरी के दौरान ही उनका सिलेक्शन BPSC (BIHAR PUBLIC SERVICE COMMISSION) के पद पर हो गया। लेकिन उन्होंने यह नौकरी ज्वाइन नहीं की।

उन्हें BPSC में बतौर राजस्व अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया था। वह IPS (INDIAN PULICE SERVICE) में जाना चाहती थी। इसके लिए उन्होंने दिल्ली में स्थित रेजिडेंशियल कोचिंग में दाखिला लिया। इसके बाद साल 2019 में उन्होंने UPSC (UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION) की परीक्षा दी। जिसमें उन्हें 499 वीं रैंक प्राप्त हुई।

ऐमन कहती हैं कि आज के दौर में इंटरनेट से पढ़ाई बेहतर विकल्प बनकर उभरा है। इंटरनेट के जरिए अच्छे अध्यापक से लेकर अच्छा कंटेंट तक मिल जाता है। बस ज़रूरत है सही से तलाशने की। इंटरनेट के जरिए हम बेहतर गुणवत्ता की शिक्षा के साथ कम समय में कामयाबी हासिल कर सकते हैं। इंटरनेट के जरिए पढ़ाई का ख़र्च भी बेहद कम आता है।

ऐमन बताती हैं कि सफलता कभी भी जल्दबाजी या शॉर्टकट रास्ते पर चलकर नहीं पाई जा सकती है। सफलता सही योजना उचित धैर्य और सही मार्गदर्शन से पाई जा सकती है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए प्री एग्जाम को पास करने के लिए समसामयिक घटनाओं पर मज़बूत पकड़ होनी बेहद ज़रूरी है। प्री एग्जाम ज्यादातर समसामयिक घटनाओं पर ही आधारित पूछा जाता है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...