नाम सुधांशु घर बिहार के गया जिले के रहने वाले हैं और उन्होंने इसरो का परीक्षा निकाल वैज्ञानिक बना है हम आपको बता दें कि पूरे देश में से 8 विद्यार्थी इस परीक्षा में सफल हुई है इसमें से बिहार का लाल सुधांशु भी है |सुधांशु इसरो का परीक्षा निकाल आज विज्ञानिक बन गए हैं आज पूरा शहर इसकी चर्चा हो रही है और चर्चा क्यों ना हो इतना बड़ा काम जो किया सबसे बड़ी बात तो यह है कि इनके पिता आटा चक्की चला कर इसके पढ़ाई लिखाई में अपने आप को पूरा समर्पित कर दिया और सुधांशु ने भी जान जी लगाकर पढ़ाई की और आखिर में सफलता हाथ लग ही गई आज पूरा परिवार को खुश है |
दरअसल बात यह है कि सुधांशु बहुत ही गरीब परिवार से बिलॉन्ग करते हैं इसलिए यह अच्छे स्कूल में ना जाकर सरकारी स्कूल में ही पढ़े इनके पिता महेंद्र प्रसाद अपने घर मे आटा चक्की चलाते हैं। शुरुआती दौर में सुधांशु के पिता के पास इतने पैसे नही थे कि इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई निजी स्कूल या कॉलेज में करा सके। घर की आर्थिक स्थिति से रूबरू सुधांशु ने दिन रात मेहनत कर सफलता हासिल की है।
सुधांशु बताते हैं कि इसका एग्जाम जनवरी 2020 में होना था लेकिन लॉकडाउन की वजह से थोड़ी देर हो गई और इतनी ही नहीं लॉकडाउन में सामने से ले जाकर नहीं बल्कि ऑनलाइन ही इंटरव्यू वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगा और जिस का रिजल्ट होली के दिन आया |
सुधांशु के पिता महेंद्र सिंह कहते हैं कि हम दोनों पति पत्नी आटा चक्की चला कर अपने बेटा को वह मुकाम तक पहुंचा दिए हैं जिससे हमें गौरवान्वित होता है और हमें अच्छा लगता है और वह बताते हैं कि हम पैसा बचत के चलते मजदूर नहीं रखते थे और खुद से ही सारा काम करते थे और आज उनके माता-पिता बहुत खुश हैं और कहते हैं मेरा बेटा देश के लिए अच्छा काम करेगा |