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आम तौर पर जब भी खेती की बात होती है, तो ​हमारे दिमाग में सबसे पहले ख्याल आता है… खेती योग्य जमीन का. एक अच्छा सा प्लॉट, सिंचाई की प्रॉपर व्यवस्था और अन्य सुविधाएं वगैरह. लेकिन पारंपरिक खेती से इतर घर के छोटे से बगीचे में, मेन गेट के पास बनी क्यारियों में भी खेती हो सकती है. और तो और एक छोटे से गमले में भी खेती की जा सकती है | वर्तमान के कुछ सालों में टेरेस गार्डन का प्रचलन अत्यधिक बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। आज की हमारी यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जिन्होंने अपने छत को टेरेस गार्डन में तब्दील कर दिया और आज वे गमले में अंगूर, स्ट्रॉबेरी और सेब उगा रहें हैं।

पहले से नहीं था खेती का अनुभव :

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राजमोहन को खेती का कोई अनुभव नहीं था, लेकिन कुछ ही दिनों में धैय और प्रैक्टिस के साथ उनके लिए फलों की खेती आसान हो गई. अपने घर की छत पर ग्रो बैग में अंगूर उगा कर उन्होंने यह धारणा ही बदल दी कि अंगूर की खेती केवल पहाड़ी क्षेत्रों में ही की जा सकती है. करीब 6 साल पहले वर्ष 2015 में उन्होंने 20 ग्रो बैग से टेरेस गार्डनिंग की शुरुआत की थी. आज अपने 1,250 वर्ग फुट की छत पर वे 200 ग्रो बैग में फल और सब्जियां उगा रहे हैं |

छत पर ही उगा डाला अंगूर :

लोगों का यह मानना है कि अंगूर केवल पहाड़ी क्षेत्रों में ही उगाया जाता है। परंतु राजमोहन ने अपनी छत पर ग्रो बैग में अंगूर को उगाकर इस धारणा को गलत सिद्ध कर दिया। वर्ष 2015 में उन्होंने लगभग 20 ग्रो के साथ अपने टेरेन्स गार्डनिंग का शुभारंभ किया था। वर्तमान में 1250 वर्ग फुट की छत पर 200 ग्रो बैग हैं जिसमें फल और सब्जियां लगी हैं।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...