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भारतीय क्रिकेट टीम में कई ऐसे खिलाड़ियो ने अपनी जगह बनाई, जिनके लिए यह मुकाम हासिल करना आसान नहीं था. हरफनमौला खिलाड़ी रविन्द्र जडेजा एक ऐसा ही नाम हैं. जडेजा का बचपन मुश्किलों में बीता. उनके पिता गार्ड की नौकरी कर घर का खर्च चलाते थे. जडेजा ने 17 साल की उम्र में एक बेहद दर्दनाक सदमा भी झेला. 

मगर जडेजा हारे नहीं और अपने बुलंद हौसले के चलते भारत के ही नहीं विश्व के दिग्गज आलराउंडर बनने में कामयाब रहे. टेस्ट किक्रेट हो, वन डे हो या फिर आईपीएल जडेजा हर फॉर्मेट में हिट हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि एक आम परिवार में पैदा हुआ यह खिलाड़ी कैसे क्रिकेट जगत का जाना-माना नाम बन गया?

रविन्द्र जडेजा का जन्म 6 दिसंबर 1988 को गुजरात के जामनगर में हुआ. इनके पिता अनिरुद्ध सिंह जडेजा आर्मी में नौकरी करते थे. लेकिन एक हादसे के दौरान उन्हें गंभीर चोटें आई. जिसकी वजह से उन्हें आर्मी की नौकरी छोड़नी पड़ी.

इसके बाद वे एक प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी में गार्ड की नौकरी करने लगे. वहीं जडेजा की मां लता जडेजा बतौर नर्स काम करती थीं. जडेजा का बचपन तंगहाली के दौर से गुजरा. उनको क्रिकेट खेलने का बड़ा शौक था. 

मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे जडेजा के लिए सपने को साकार करना आसान नहीं था. उन्होंने सौराष्ट्र में ही एक क्रिकेट अकादमी ज्वाइन कर ली. वे क्रिकेट की बारीकियों को सीखने लगे.

लेकिन अचानक से रविन्द्र जडेजा पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा. जब उनकी उम्र महज 17 साल थी तो उनकी माता का एक हादसे के दौरान मौत हो गई. मां के गुजरने का सदमा जडेजा बर्दाश्त नहीं कर सके. 

उन्होंने क्रिकेट से भी दूरी बनानी शुरू कर दी. ऐसे मुश्किल हालात में जडेजा की बड़ी बहन नैना ने उनको संभाला. बहन ने उन्हें दोबारा क्रिकेट पर ध्यान लगाने के लिए उन्हें समझाया. 

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...