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भारतीय रेलवे ने 15 नवंबर को रेलवे की पुरानी व्यवस्था लागू हुई तो लोग ख़ुशी से झूम उठे | सब लोग के मन में बस एक ही बात कल से चल रही थी की, चलो अब रेलवे स्पेशल और अतिरिक्त किराया से मुक्ति तो मिलेगी ही, सुविधाएं भी मिलनी शुरू हो जाएंगी। लेकिन उन लोगों की ख़ुशी रेलवे के टिकट काउंटर पर जाने के बाद गम में बदल गयी। ट्रेनों के सामान्य स्थिति में आने के बाद भी वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों, दिव्यांगों और रेलकर्मियों को कोविड से पहले की सहूलियतें शुरू ही नहीं हुई हैं।

जैसे चलता था कोरोनाकाल में बैसे ही अभी भी चलेगा एक्सप्रेस ट्रेन :

रेलवे ने सभी ट्रेने के नाम से पहले स्पेशल और नंबर से पहले शून्य हटा दिया है | लेकिन इसका असर किराया पर नहीं दिख रहा है |बता दे की भारतीय रेलवे ने पूजा स्पेशल के नाम पर अतिरिक्त किराये को भी बंद कर दिया है। परन्तु ट्रेन का परिचालन अभी भी वैसे ही हो रझा है जैसे कोरोना काल में होता था | अभी भी एक्सप्रेस ट्रेनों में आरक्षित टिकट ही मान्य है। जनरल कोेचों के टिकट भी आरक्षित ही बुक हो रहे हैं। अब लोग मांग कर रहे है की इस नियम को जल्द से जल्द हटाया जाय और पहले जैसे वयवस्था लागू किया जाय |

पैसेंजर ट्रेनें चल रही स्पेशल के रूप में

अभी पैसेंजर ट्रेनों (सवारी गाड़ियों) के नाम से स्पेशल और नंबर से शून्य नहीं हटा है। पैसेंजर ट्रेनें अभी भी स्पेशल के रूप में ही चल रही हैं। एक्सप्रेस का किराया भी लग रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे में 75 जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...