बिहार में राशन कार्ड बनाने में दलालों की चांदी कट रही है जिसके कारण लाभुकों को बिना दलाल के माध्यम से बिहार में राशन कार्ड नहीं बन रहा है। बिहार सरकार द्वारा दिए गए निर्देश में राशन कार्ड से वंचित परिवारों का बिहार राशनकार्ड निर्माण के लिए लाभुकों को आरटीपीएस काउंटर पर प्रपत्र क और परिवार अलग करने के लिए प्रपत्र ख फार्म भरकर संबंधित कागजात के साथ जमा करना है। जिसे बिहार में प्रखंड स्तर से जांच के बाद बिहार ब्लॉक के बीडीओ के अनुशंसा के उपरांत अनुमंडल कार्यालय भेजा जाता है। लेकिन बिहार में इस कार्य में दलाल इस कदर हावी हो चुके हैं कि सरकार (बिहार) के निर्देश को ठेंगा दिखा रहे हैं।

बिहार में मुख्य रूप से तीन तरह के होते हैं राशन कार्ड

  • पहला एपीएल- इसमें गरीबी रेखा के ऊपर रहने वाले लोगों को शामिल किया जाता है |
  • दूसरा बीपीएल- इसमें गरीबी रेखा के नीचे वाले लोग शामिल होते हैं |
  • तीसरा अन्त्योदय- इसमें बीपीएल और सबसे गरीब परिवारों को शामिल किया जाता है |

ऐसे करना होता है अप्लाई

सबसे पहले आप जिस राज्य के निवासी हैं. उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं. जैसे अगर आप उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं तो आप https://fcs.up.gov.in/FoodPortal.aspx पर क्लिक कर फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं |

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ये देना होता है कागजात

आईडी प्रूफ के तौर पर आप अपना आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, हेल्थ कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस दे सकते हैं. इसके अलावा पैन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो, आय प्रमाण पत्र, पते के प्रमाण के तौर पर बिजली बिल, गैस कनेक्शन बुक, बैंक स्टेटमेंट या पासबुक, रेंटल एग्रीमेंट जैसे दस्तावेज भी लगते हैं.

कितना समय लगता है बनने में

पीएमजीकेएवाई योजना के तहत, केंद्र राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत आने वाले लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त प्रदान करता है. यह एनएफएसए के तहत दिए जाने वाले नियमित कोटा के अतिरिक्त है.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...