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बिहार के पंडुका में सोन नदी पर पुल निर्माण के लिए निविदा निकलने के बाद बिहार-झारखंड के आदिवासियों के बीच सदियों से चला आ रहा बेटी-रोटी का संबंध और प्रगाढ़ होने की उम्‍मीद बढ़ गई है। इस पुल का निर्माण हो जाने से 120 किलोमीटर की दूरी 20 किलोमीटर में बदल जाएगी। और बिहार में बन रहे इस लाजवाब पूल के निर्माण में 200 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। बिहार सरकार की तरफ से इसकी घोषणा कर दी गई है।बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड राज्य के गढ़वा ,पलामू, लातेहार समेत अन्य जिलों में  बिहार के रोहतास जिला के नौहट्टा व रोहतास प्रखंड के लोगों को जाने-आने में समय के साथ पैसे की भी बचत होगी। नौहट्टा से  बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड राज्य के गढ़वा व डालटनगंज की दूरी 50 किलोमीटर हो जाएगी। साथ ही श्रीनगर की दूरी मात्र 15 किलोमीटर हो जाएगी। बिहार के सोन नदी के उस पार के कई आदिवासी बहुल गांव ऐसे है, जहां डेहरी होकर जाने में दूरी 120 किलोमीटर तय करनी होती है।

बता दे की बिहार के लोगों को पहले बड़ी संख्या में नाव से भी बिहार के सोन नदी पार करते हैं। बारिश के मौसम में नाव से सोन नदी पार करना बहुत ही जोखिम भरा होता है। बिहार के पंडुका में पुल निर्माण से स्‍थानीय लोगों को काफी सहूलियत होगी। इन पंडुका पुल निर्माण के लिए 2010 से ही संघर्ष चल रहा है। बिहार के रोहतास और बिहार के पड़ोसी झारखंड के गढ़वा के जनप्रतिनिधि द्वारा पिछले कई वर्षो से लगातार पुल निर्माण की मांग की जाती रही है। ऐसे में पुल पर निर्माण शुरू होने वाला है तो श्रेय लेने की होड़ मच गई है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...