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आजकल पशुपालकों का रूझान छोटे पशुओं की ओर ज्यादा बढ़ रहा है, क्योंकि छोटे पशुओं को पालने में कम लागत लगती है, लेकिन ज्यादा मुनाफा होने की गुंजाइश रहती है. मौजूदा समय में देशभर में बकरियों की कई उन्नत नस्लों का पालन किया जा रहा है. और आप इस बकरियों को आराम से पोसवाल कर अच्छे खासे पैसे कमा सकते हैं और इसमें आपको कोई परेशानी नहीं गाय से भी अच्छा मुनाफा मिलेगा इस बकरी को पालने में |

Goat Rearing

इनका पालन करके अच्छा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है, लेकिन कई बार स्थानीय पशुपालक समझ नहीं पाते हैं कि उन्हें बकरी की कौन-सी उन्नत नस्लों का पालन करना चाहिए. आमतौर पर इस बकरी को एक बार में दो से अधिक बच्चे होते हैं या दो होते हैं और आप इस बकरियों को छोटे से झुग्गी में भी रख सकते हैं इसके लिए कोई बड़ा घर बनाने की कोई जरूरत नहीं और आपको पैसे भी कम खर्च होंगे |इनमें कश्मीरी, चाँगथाँग, गद्दी, चेगू आदि है जिनसे पश्मीना की प्राप्ति होती है.

बकरी पालन करने के लिए पशुपालक को अलग से किसी आश्रय स्थल की आश्यकता नहीं पड़ती. उन्हें वो अपने घर पर ही आसानी से रख सकते हैं. बड़े पैमाने पर यदि बकरी पालन का कार्य किया जाएं, तब उसके लिए अलग से बाड़ा बनाने की जरुरत पड़ती है.

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यूपी के बुंदेलखंड क्षेत्र में ज्यादातर लोग खेती किसानी के साथ बकरी पालन का कार्य करते हैं. और हम आपको बता दें कि बकरी को खाना देने की भी ज्यादा जरूरत नहीं होती बहुत लोग करते हैं कि वैसे ही बकरी को छोड़ देते हैं | और वह कहीं से खेत में से कचरा पर से खाकर अपना भोजन सड़क के किनारे से पूरा कर लेती है जबकि गाय भैंस कोई से पेट नहीं भर पाता इसलिए गाय की अपेक्षा बकरी के लोगों में बहुत कम खर्च होती है |

गौरतलब है कि देशी बकरियों के अलावा बरबरी और जमुनापारी नस्ल की बकरी पालन घर की महिलाएं बकरी की देख-रेख आसानी से कर सकती हैं और खाने के बाद बचे जूठन से इनके भूसा की सानी कर दी जाती है. ऊपर से थोड़ा बेझर का दाना मिलाने से इनका खाना स्वादिष्ट हो जाता है. बकरियों के रहने के लिए साफ-सुथरी एवं सूखी जगह की जरुरी होती है.

और आपको बकरी से बहुत सुविधाएं मिलती है जैसेेे बकरी के दूध पीने के लिए लिए के यह डॉक्टर भी हमें बहुत सलाह देतेे हैं और वो बहुत फायदेमंद होती है यही सब कारणों से अभी भी बकरी का परिचालन शुरू है और गांव घर के लोग खासकर बहुत बकरी पालते हैं |

एक बकरी लगभग डेढ़ वर्ष की उम्र में बच्चा प्रजनन करने की स्थिति में आ जाती है और 6-7 माह में प्रजनन करती है. प्रायः एक बकरी एक बार में 3 से 4 बच्चों का प्रजनन करती है और एक साल में दो बार प्रजनन करने से इनकी संख्या में वृद्धि होती है. बच्चे को एक वर्ष तक पालने के बाद ही बेचते हैं.

बकरी गरीब की गाय होती है, फिर भी इसके पालन में कई दिक्कतें भी आती हैं. बरसात के मौसम में बकरी की देख-भाल करना सबसे कठिन होता है. क्योंकि बकरी गीले स्थान पर बैठती नहीं है और उसी समय इनमें रोग भी बहुत अधिक होता है. बकरी का दूध पौष्टिक होने के बावजूद उसमें महक आने के कारण कोई उसे खरीदना नहीं चाहता. इसलिए उसका कोई मूल्य नहीं मिल पाता है |

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...