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ऐसा कहा जाता है कीं अगर इंसान ठान ले तो वो दुनिया में कुछ भी कर गुजर सकता है | असंभव की भी एक न एक दिन शुरुआत करनी ही पड़ती है | और जब उसे सफलता मिलती है तो वही शख्स आने वाले पीढ़ी के लिए मार्ग दर्शन का कारण बनते हैं | जो गरीबी को अपने रास्ते में नहीं आने देते वो लोग कुछ भी कर सकते है | एक महिला की ज़िन्दगी में वैसे ही कम संघर्ष नहीं होता है, उस पर अगर उसके पति की मृत्यु हो जाए तब तो वो जिंदगी महिला के लिए बहुत ही दर्द्निय हो जाता है | फिर अपनी जिंदगी के साथ साथ बच्चो की जिंदगी भी संभालनी पड़ती है |

45 पुरुषों के बीच अकेली महिला कुली हैं संध्या, सम्मान से कमाती हैं, बच्चों  को बनाना चाहती हैं अफसर

जी हाँ दोस्तों हम बात कर रहे है संध्या के बारे में जो की नाम की 31 वर्ष की है | और वह महिला कुली का काम करतीं हैं। अक्सर लोग इस महिला कुली को देखकर हैरान हो जाते हैं, लेकिन संध्या लोगों की सोच को अनदेखा करते हुए अपना काम पूरी शिद्दत से करती हैं। वे कहती हैं कि “भले ही मेरे सपने टूट गए हैं, पर हौसले अभी ज़िंदा है। ज़िन्दगी ने मुझसे मेरे जिंदगी के सबसे अहम व्यक्ति मेरे पति को भी छीन लिया है, लेकिन अब बच्चों को पढ़ा लिखाकर अफसर बनाना चाहती हूँ। वह भी अपनी मेहनत के दम पर हम किसी से भीख नहीं मांगते भगवान ने हाथ दिया पैर दिया है | स्टेशन पर कुली का काम करती हू 50 मर्दों के बीच अकेली महिला कुली हू |

कुली नंबर 36 के रूप में संध्या ने बनाई अपनी अलग पहचान, रोज तय करती है 45  किलोमीटर का सफर | Sandhay coolie number 36 working while travelling fourty  five km everyday - Hindi Oneindia

बता दे की संध्या हर रोज़ मध्य प्रदेश के कटनी रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करती हैं। उनके ऊपर एक बूढ़ी सास और तीन बच्चों के पालन पोषण की जिम्मेदारी है, इसलिए वे यह जिम्मेदारी उठाने के लिए, यात्रियों का बोझ उठाती हैं। उन्होंने अपने नाम का रेल्वे कुली का लाइसेंस भी बनवा लिया है और अब वे इस काम को पूरे परिश्रम और हिम्मत के साथ करती हैं। जब वह रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की बैग और सारे वजनदार समान उठाकर चलती है तो सारे लोग को अपने ओर आकर्षित कर लेती है | सब लोग इनकी हिम्मत को तारीफ़ करते है |

कुली नंबर36 हूं, इज्जत का खाती हूं, बच्चों को बनाऊंगी अफसर, 45 मर्दों के बीच  अकेली कुली है संध्या « Daily Bihar

अपने बच्चो को पोशने के लिए ऐसा करती है :

कुली नम्बर 36 संध्या कटनी जंक्शन पर कुली का काम करती हैं, इनका पूरा नाम संध्या मारावी है। वे जनवरी 2017 से लेकर यह काम कर रहीं हैं। उन्होंने बताया कि वे यह काम मजबूरी में करती हैं क्योंकि उन्हें अपनी बूढ़ी सास और तीन बच्चों को पालना है। वे कहती हैं कि वह अपने पति के साथ कटनी में ही रहती थीं। उनके तीन बच्चे हैं। जो अभी बहुत छोटे छोटे है | और उनके जीवन में बस एक बूढी सास है और दो बच्चे वह बताती है की हम अपने दोनों बच्चे को ऑफसर बनाना चाहती हू |

45 आदमियों के बीच अकेली महिला कुली हैं संध्या, इज्जत से कमाती हैं, बच्चों  को बनाना चाहती हैं अफसर

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...