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हम बात कर रहे हैं गोविंद नामक शख्स की गोविंद आईएएस बनकर अपने पिता की सपनों को साकार किया जबकि उसके पिता ने भी खूब मेहनत करो रिक्शा चला कर दूसरे के घर काम कर बहुत कड़ी से कड़ी मेहनत कर अपने बच्चे के लिए अपना सारा जीवन उसी में व्याप्त कर दिया और आखिरकार गोविंद ने अपने पिता की आईएस बनकर सीना चौरा किया |

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उसके बाद गोविंद ने अपनी शादी आईपीएस ऑफिसर संजना के साथ की गोविंद के पिता नारायण ने बताया कि उसके पास ₹35 थे जिसे वह भरा पर चलाते थे पर 1 दिन की बात है गोविंद सातवीं क्लास में पढ़ रहा था

और उसकी मां की ब्रेन हेमरेज हो गई उसके बाद उसके पिता को 20 रिक्शे बेचने पर है उसकी मां के इलाज के लिए परंतु उसके बाद भी उसकी मां नहीं बची |

और उसके बाद उसका परिवार रोटी रोटी तक तरस गई और गरीबी ऐसी छा गई लेकिन उस मुश्किल की घड़ी में भी उसके पिता नारायण हार नहीं माने और गोविंद को अच्छा से पढ़ाया लिखा है और गोविंद ने भी अपने पिता के सपने पर खरा उतरा और आईएएस बनकर अपने पिता को गौरवान्वित किया |

पैसे ना होने के कारण गोविंद दूसरे के किताब से पढ़ते थे और फिर नारायण अपनी बेटियों की शादी के लिए जितने बचे रिक्शे the सब रिक्शे बेच दिया अब उसके पास बस एक ही रिक्शा था जिससे वह कमाता था घर चलाता था |

और नारायण बोलते थे कि हम अपने बेटे गोविंद को आईएस बनाएंगे तो सब लोग उनका मजाक उड़ाते थे

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...