इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड पहले ही साफ़ कर चूका है कि उनके खिलाड़ियों का बचे हुए आईपीएल में खेलना मुश्किल है. वहीं न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों का आईपीएल-14 में खेलना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि जिस वक्त आईपीएल हो रहा होगा उस दौरान न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच सीरीज होगी.
आज हम आपकों अपने इस खास लेख में उन 3 टीमों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें इंग्लैंड-न्यूजीलैंड के खिलाड़ियों के ना खेलने से नुकसान हो सकता है और उनका प्लेऑफ़ में जाना भी मुश्किल हो सकता है.
राजस्थान रॉयल्स की टीम इंग्लिश खिलाड़ियों ओर काफी ज्यादा निर्भर है. इस टीम के पास इंग्लैंड के जोस बटलर, बेन स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर और लियाम लिविंगस्टोन जैसे खिलाड़ी है. ऐसे में अगर इंग्लैंड के खिलाड़ी नहीं आते हैं, तो इस टीम की कमर टूटनी तय है.
पहले भी आईपीएल 2021 में स्टोक्स और आर्चर नहीं खेल रहे थे, जिनकी कमी राजस्थान रॉयल्स को साफ़ खल रही थी. अगर अब बटलर भी खेलने नहीं आते हैं, तो राजस्थान रॉयल्स को प्लेऑफ़ की रेस से बाहर होना तय हो जाएगा, क्योंकि टीम के पास बैक खिलाड़ियों के रूप में भी ज्यादा विकल्प नहीं है.
चेन्नई सुपर किंग्स की टीम भी इन दोनों देशों के खिलाड़ियों पर काफी ज्यादा निर्भर है. इस सीजन इंग्लैंड के मोईन अली और सैम कुरेन चेन्नई सुपर किंग्स के लिए बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे थे. हालांकि ईसीबी के डायरेक्टर एश्ले जाइल्स के बयान के बाद धोनी की टीम जरुर चिंतित होगी, क्योंकि यह दोनों ही खिलाड़ी प्लेइंग इलेवन का अहम हिस्सा है.
दिल्ली कैपिटल्स आईपीएल 2021 में शानदार प्रदर्शन कर रही है. हालांकि अगर इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के खिलाड़ी आईपीएल के बचे हुए 31 मैच नहीं खेलते हैं, तो दिल्ली कैपिटल्स को नुकसान होना तय है, क्योंकि इस टीम में इंग्लैंड के कुल 3 खिलाड़ी शामिल है.
टॉम कुरेन, क्रिस वोक्स, सैम बिलिंग्स के रूप में इस टीम के पास 3 इंग्लिश खिलाड़ी मौजूद हैं. भले ही इन तीनों खिलाड़ियों को प्लेइंग इलेवन में ज्यादा मौके नहीं मिल पा रहे हो, लेकिन अगर यह खिलाड़ी आईपीएल खेलने नहीं आते हैं, तो बैक-अप खिलाड़ियों के रूप ज्यादा विकल्प नहीं मिलेंगे, इसलिए अगर दिल्ली कैपिटल्स को खिताब जीतना है, तो इन तीनों ही खिलाड़ियों का आईपीएल 2021 खेलना बहुत जरूरी है.