दोस्तों तेल की कीमत में मामूली गिरावट अजस्र देखने को मिलते रहती है लेकिन बड़ी गिरावट 100 से निचे तेल का भाव पिछले 2 सालों में कभी नहीं आया है. दरअसल अंतराष्ट्रीय स्तर पर बजार मंदी होने के कारण काफी सुस्त हो गया है.अधिकांस तेल-तिहां पौधे पर भाव सरसों तेल के भी पूर्वस्तर पर बने हुए है.
दोस्तों कीमत कम होने पर वय्पारियों का कहना है कि इतना भाव आज तक के इतिहास में पहले कभी नहीं गिरा था. दोस्तों सूरजमुखी ऑइल इतना सस्ता हो गया है कि पामोलिन से भी इसका कीमत कम हो गया है. दरअसल सूरजमुखी तेल की सरकार को भविष्य के लिए 20 से 30 लाख टन स्टॉक कर लेना चाहिए.
वहीँ सूत्रों ने बताया है कि आयत शुल्क घटाने या शुल्क मुक्त आयत जैसा फैसला सरकार को नहीं करना चाहिए. वहीँ इसके जगह पर सरकार को पुरानी वयवस्था अपनाना चाहिए. राशन की दुकानदारों के जरिये लोगों के बिच वितरण करवाना चाहिए. दरअसल सूरजमुखी के तेल का भाव 100 से निचे 90 र्य्प्ये प्रतिलीटर पंहुच गया है.
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