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राज्य के जन वितरण के हर लाभुक को मई और जून महीने में पांच- पांच किलो अनाज मुफ्त मिलेगा। इसका लाभ राज्य के 8.71 करोड लाभुकों को मिलेगा। खास बात यह है कि मुफ्त में मिलने वाला यह अनाज हर महीने के लिए तय लाभुकों के कोटा से अलग होगा। इसके लिए भारतीय खाद्य निगम ने राज्य खाद्य निगम को 8.70 लाख टन अनाज का आवंटन कर दिया है। इसके उठाव की अंतिम तारीख केन्द्र ने 31 मई तय की है।

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कोरोना काल में राज्य के जन वितरण के लाभुकों को मुफ्त अनाज देने की घोषणा केन्द्र सरकार ने की है। यह अनाज प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दिया जाना है। हर लाभुक को मई और जून दोनों महीनों के लिए पांच-पांच किलो अनाज देना है। गरीबों को दिये जाने वाले अनाज में दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल होगा।

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गत वर्ष कोरोना लहर में भी यह व्यवस्था की गई थी
सरकार ने गत वर्ष के कोरोना लहर में भी यह व्यवस्था की थी। लेकिन, उस साल बाद में सरकार ने सभी लाभुकों को एक किलो दाल देने की भी व्यवस्था की थी। इस बार अब तक सिर्फ चावल और गेहूं देने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए राज्य सरकार को अनाज के आवंटन होने के साथ उठाव भी शुरू हो गया है। जिलों के लाभुकों की संख्या के हिसाब से वितरण राज्य सरकार को करना है।

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केंद्र पहले 8.57 करोड लाभुकों के लिए ही अनाज देता था
राज्य सरकार को दिया गया 8.70 लाख टन अनाज का आवंटन सिर्फ प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लिए है। इसके अलावा हर महीने के लिए मिलने वाला राशन का आवंटन अलग से मिलेगा। हालांकि केन्द्र सरकार पहले 8.57 करोड लाभुकों के लिए ही अनाज देती थी। गत वर्ष छुटे हुए लाभुकों को जोड़कर केंद्र ने 8.71 करोड लाभुकों के लिए अनाज देने की मंजूरी दे दी है।

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राज्य में एफसीआई के गोदामों में अनाज की कमी नहीं
एफसीआई के बिहार क्षेत्र महाप्रबंधक संजीव कुमार भदानी ने बताया कि राज्य में एफसीआई के गोदामों में अनाज की कोई कमी नहीं है। इसके अलावा राज्य सरकार के पास भी पर्याप्त मात्रा में अनाज का भंडारण है। सभी अनाज का उपयोग केंद्र की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए किया जाना है।

राज्य के जनगणना निदेशक के अनुसार जनसंख्या 10.38 करोड से बढ़कर 12.30 होने का अनुमान है। राज्य सरकार ने कहा था कि नये सर्वे के अनुसार सरकारी अनाज के लिए चिह्नित इन नये परिवारों में 1.5 करोड लाभुक होंगे। राज्य ने इस इस हिसाब से केंद्र सरकार से आग्रह किया था.

कि वह तीस हजार टन गेहूं और 45 हजार टन चावल यानी कुल 75 हजार टन हर माह अनाज का अवंटन बढ़ा दे, ताकि इन नये लाभुकों को अनाज दिया जा सके। लेकन केंद्र ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून का हवाला देकर नये लाभुकों को अनाज देने से इनकार कर दिया।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...