aeb6d8f9 6e8b 42c5 9a6f 578c52bacb25 93

ऐसा कहा जाता है कीं अगर इंसान ठान ले तो वो दुनिया में कुछ भी कर गुजर सकता है | जो व्यक्ति गरीबी को अपने रास्ते में नहीं आने देते वो लोग कुछ भी कर सकते है | असंभव की भी एक न एक दिन शुरुआत करनी ही पड़ती है | और जब उसे सफलता मिलती है तो वही शख्स आने वाले पीढ़ी के लिए मार्ग दर्शन का कारण बनते हैं | आईएएस अफसरों की ज़िन्दगी से कई लोग प्रेरणा लेते हैं | 

Also read: पापा, IAS बन गया हूं…चिलचिलाती धुप में मजदूरी कर रहे थे पिता, आया बेटा का फ़ोन ख़ुशी के मारे खेत में ही निकले ख़ुशी के आंसू….पढ़िए कहानी

आज हम बात कर रहे है शिवजीत भारती सैनी (IAS Shivjit Bharti Saini) जिन्होंने अपने जीवन के कड़े संघर्ष के बाद IAS ऑफिसर बनकर जो मुकाम हासिल किया, उससे उनके माता पिता और सारे राज्य का नाम रौशन हो गया है। भारती एक अख़बार बेचने वाले गुरनाम सैनी की बेटी हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने सभी प्रतियोगियों को कड़ी टक्कर दी। हरियाणा में सिविल सर्विस परीक्षा में कुल 48 परीक्षार्थियों कामयाब रहे, जिनमें भारती का भी नाम है |

Also read: घर की आर्थिक स्थिति थी खराब पिता करते थे चीनी मील में काम, बेटी ने खूब मेहनत की और पास की UPSC परीक्षा बनी आईएएस अधिकारी

शिवजीत भारती (IAS Shivjit Bharti) और उनका सारा परिवार हरियाणा के जैसिंहपुरा गाँव में रहते हैं। वहाँ पर उनके पिता रोजाना सुबह सभी के घरों में अख़बार बांटने का काम किया करते हैं तथा उनकी माँ शारदा सैनी आंगनबाड़ी में काम करती हैं। जाहिर है ऐसी परिस्थितियों में उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। फिर भी भारती ने यूपीएससी की परीक्षा में सफल होकर कामयाबी के नए आयाम रचे।

उभोने एक इंटरव्यू के दौरान बताया की जब उनकी शिक्षा पूरी हो गई थी तब उनके माता पिता चाहते थे कि वह शादी कर लें, उनके आस-पड़ोस ए तथा रिश्तेदारों और परिवार वालों द्वारा भी उन पर शादी करने को लेकर ज़ोर दिया जा रहा था। परंतु उन्होंने सभी से कहा कि जब तक मैं कुछ बन नहीं जाती तब तक शादी नहीं करेंगी।

भारती को इस परीक्षा की तैयारी के लिए किताबें वगैरह खरीदने की आवश्यकता थी तो उन्होंने अपने घर पर ही बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया और फिर उससे जो फीस प्राप्त हुई उससे किताबें और अपना पढ़ाई का ख़र्च उठाया। इनकी छोटी बहन पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहे हैं तथा एक छोटा भाई भी है, जो दिव्यांग है। घर की इन परिस्थितियों में भी उन्होंने ख़ुद को कमजोर नहीं पड़ने दिया |

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...